Kolkata Rape Murder Case: स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों की सुरक्षा की मांग के मद्देनजर नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया, जबकि वे कोलकाता रेप कांड के बाद से प्रदर्शन कर रहे हैं.
Kolkata Rape Murder Case: पश्चिम बंगाल में हुए कोलकाता रेप कांड के बाद हेल्थ मिनिस्ट्री ने डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिहाज से बड़ा कदम उठाया है. बुधवार (21 अगस्त, 2024) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नेशनल टास्क फोर्स यानी कि NTF का गठन (सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर) किया है.
एनटीएफ तीन सप्ताह के भीतर एक अंतरिम रिपोर्ट और दो महीने के भीतर दूसरी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा. राष्ट्रीय कार्य बल (एनटीएफ) डॉक्टर्स और अन्य संबंधित मामलों के सुरक्षा, कार्य स्थितियों और कल्याण से संबंधित चिंता के मुद्दों को दूर करने के लिए प्रभावी सिफारिशें तैयार करेगा.
…तो इन पहलुओं पर काम करेगा NTF
- चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की रोकथाम और सुरक्षित कार्य स्थितियों के प्रावधान के साथ ही अस्पताल के प्रत्येक प्रवेश द्वार पर सामान और व्यक्ति स्क्रीनिंग प्रणाली तो दुरुस्त करना ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हथियार, अस्पताल या संस्थान के अंदर नहीं ले जाए जा सकें. चिकित्सा संस्थान के परिसर में नशे में धुत व्यक्तियों को प्रवेश करने से रोकना भी इसमें शामिल है.
- हर डिपार्टमेंट में अलग-अलग आराम करने के कमरे की व्यवस्था के साथ ही पुरुष और महिलाओं के लिए कमरों का वर्गीकरण करना. इसके मुताबिक, (ए) पुरुष डॉक्टरों के लिए, (बी) महिला डॉक्टरों के लिए, (सी) पुरुष नर्सों के लिए, (डी) महिला नर्सों के लिए और (ई) एक लिंग-तटस्थ के लिए कमरों का वर्गीकरण होगा ताकि वो आराम कर सकें. इसके साथ ही कमरे में अच्छी हवा आने की व्यवस्था करना और पर्याप्त बिस्तर की व्यवस्था करना भी शामिल है.
- पीने के पानी की अच्छी सुविधा, बायोमेट्रिक और चेहरे की पहचान के उपयोग के माध्यम से जांच करना भी शामिल है. अस्पताल में सभी स्थानों पर पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करना और यदि यह एक मेडिकल कॉलेज से जुड़ा हुआ अस्पताल है, तो कैंपस के सभी स्थानों पर इसकी व्यवस्था की जाएगी.
- अस्पतालों के सभी एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स पर और सभी मरीजों के कमरों की ओर जाने वाले कॉरिडोर में सीसीटीवी कैमरे लगाना. यदि चिकित्सा पेशेवरों के हॉस्टल या कमरे अस्पताल से दूर हैं, तो रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक उन लोगों के लिए परिवहन की व्यवस्था करना जो अपने रहने के स्थान से अस्पताल तक यात्रा करना चाहते हैं.
- सभी चिकित्सा संस्थानों में प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ताओं की नियुक्ति, चिकित्सा संस्थानों के सभी कर्मचारियों के लिए कार्यशालाएं आयोजित करना, जिसमें डॉक्टर, नर्स और सहायक शामिल हैं. प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में “कर्मचारी सुरक्षा समितियों” का गठन करना, जिसमें डॉक्टर, इंटर्न, रेजिडेंट और नर्स शामिल हों, जो संस्थागत सुरक्षा उपायों पर तीन महीने में ऑडिट आयोजित कर सकें.
- चिकित्सा पेशेवरों के लिए सुरक्षा उपायों पर अतिरिक्त आवश्यकता को शामिल करना. पुलिस चौकियों की स्थापना करना ताकि अस्पतालों में सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके. इसके साथ ही इंटर्न, रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट, डॉक्टर, नर्स और सभी चिकित्सा पेशेवरों के लिए गरिमापूर्ण और सुरक्षित कार्य स्थितियों के लिए एक राष्ट्रीय प्रोटोकॉल लभी लागू होगा. चिकित्सा पेशेवरों के खिलाफ यौन हिंसा की रोकथाम पर काम किया जाएगा. प्रत्येक चिकित्सा संस्थान के लिए एक हेल्पलाइन नंबर सुनिश्चित करना जो चिकित्सा पेशेवरों के लिए 24 x 7 खुला हो और आपातकालीन संकट सुविधाएं प्रदान करे.
NTF में किन्हें-किन्हें किया गया शामिल?
1. कैबिनेट सचिव, भारत सरकार – अध्यक्ष
2. गृह सचिव, भारत सरकार
3. सचिव, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय – सदस्य सचिव भारत सरकार
4. अध्यक्ष, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग
5. अध्यक्ष, राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड
6. सर्जन वाइस एडमिरल आरती सरीन, ए.वी.एस.एम., वी.एस.एम., निदेशक जनरल मेडिकल सेवाएं (नौसेना)
7. डॉ. डी. नागेश्वर रेड्डी, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी एंड एआईजी अस्पताल, हैदराबाद
8. डॉ. एम. श्रीनिवास, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली
9. डॉ. प्रतिमा मूर्ति, निदेशक, राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निम्हांस), बेंगलुरु
10. डॉ. गोविंद दत्त पुरी, कार्यकारी निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, जोधपुर
11. डॉ. सौमित्र रावत, अध्यक्ष, सर्जिकल गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांटेशन और सदस्य, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट, सर गंगा राम अस्पताल, नई दिल्ली
12. प्रोफेसर अनीता सक्सेना, कुलपति, पंडित बीडी शर्मा मेडिकल यूनिवर्सिटी, रोहतक, पूर्व में एम्स दिल्ली में अकादमिक्स की डीन और कार्डियोथोरेसिक सेंटर की प्रमुख और कार्डियोलॉजी विभाग की प्रमुख
13. डॉ. पल्लवी सापले, डीन, ग्रांट मेडिकल कॉलेज और सर जेजे समूह के अस्पताल, मुंबई
14. डॉ. पद्मा श्रीवास्तव, पूर्व में एम्स दिल्ली में न्यूरोलॉजी विभाग में प्रोफेसर। वर्तमान में पारस हेल्थ गुड़गांव में न्यूरोलॉजी की अध्यक्ष