Security In Government Hospital: केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले सभी अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों की संख्या में 25 फीसदी वृद्धि करने का फैसला लिया गया है.
Security Increase In Government Hospital: स्वास्थ्य विभाग को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार के अंतर्गत आने वाले सभी अस्पतालों में सुरक्षा कर्मियों की संख्या में 25 फीसदी वृद्धि करने का फैसला लिया गया है.
कोलकाता के आर. जी. कर मेडिकल अस्पताल एवं कॉलेज में 9 अगस्त को ऑन ड्यूटी डॉक्टर के साथ हुए रेप-मर्डर केस के बाद सुरक्षाकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया था, जिसके मद्देनजर केंद्र सरकार ने यह फैसला लिया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी अस्पतालों में त्वरित सुरक्षा संबंधित सहायता के लिए मार्शल तैनात करने के निर्देश दिए गए हैं. हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का यह भी कहना था कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुई हिंसा से निपटने के लिए एक नया केंद्रीय कानून लाना जरूरी नहीं था.
डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए 26 राज्यों में पहले से कानून पारित
हिन्दुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि कोलकाता अस्पताल में घटना पर आधारित कानून लाने से कोई बड़ा फर्क देखने में नहीं आएगा, क्योंकि यह मरीज और डॉक्टर के बीच की हिंसा का मामला नहीं है. रेप और मर्डर जैसे मामले मौजूदा कानून के भीतर ही आते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि देश के 26 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पहले ही डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून पारित किया जा चुके हैं.
डॉक्टरों के लिए बनाई जा रही समिति
केंद्र स्वास्थ्य मंत्रालय दिल्ली ने प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर के साथ लगातार बातचीत कर रहा है, जिसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंस, डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ आल इंडिया और मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर शामिल है.
इस बैठक के बाद यह निष्कर्ष निकला कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जाएगी जो रेजिडेंस डॉक्टर के लिए अस्पताल में सुरक्षा और सुविधाओं और उनके वर्किंग आवर्स और कैंटीन सेवाओं पर बातचीत करेगी.
हड़ताल से मरीजों का स्वास्थ्य हो रहा प्रभावित
वहीं एक सरकारी सूत्र ने यह भी कहा है कि अस्पताल में सभी सार्वजनिक सुविधाएं हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से डॉक्टर को हड़ताल खत्म करने को कहा गया है क्योंकि इससे मरीज का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है. देशभर के डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हो रही हिंसा से निपटने के लिए खास कानून लाने और कर्मियों के लिए सुरक्षित माहौल स्थापित करने की मांग कर रहे हैं.