Friday, September 20, 2024
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Bangladesh Crisis: भारत की वाहन कंपनियां भुगतेंगी बांग्लादेश में उठा-पटक का खामियाजा, निर्यात पर पड़ेगा बुरा असर

Bangladesh Crisis News: बांग्लादेश अभी आंतरिक संकट से गुजर रहा है, जिसमें तख्तापलट हो चुका है. तख्तापलट के बाद नए सरकार के गठन की प्रक्रिया चलाई जा रही है…


पड़ोसी देश बांग्लादेश अभी आंतरिक संकट से गुजर रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अगुवाई वाली सरकार का पतन हो चुका है और कार्यवाहक सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है. पड़ोसी देश के इस आंतरिक संकट से भारत की कई कंपनियों का काम-काज प्रभावित हो सकता है. खास तौर पर ऑटो सेक्टर की कई कंपनियों का कारोबार इस संकट से प्रभावित हो सकता है.

तीन दिनों से ठप पड़े हैं कारखाने

ऐसी आशंका है कि बांग्लादेश में उत्पन्न संकट के चलते भारत से दोपहिया वाहनों, ट्रकों, बसों आदि का निर्यात प्रभावित हो सकता है. भारत की कई वाहन कंपनियों के कुल निर्यात में बांग्लादेश की अच्छी हिस्सेदारी थी. बांग्लादेश के बाजार में बजाज से लेकर हीरो तक की दोपहिया वाहनें खूब पसंद की जाती रही हैं. अभी उत्पन्न संकट से इस बाजार पर खतरा पैदा हो गया है. नहीं दूसरी ओर संकट के चलते बांग्लादेश में तीन दिनों से फैक्ट्रियां बंद चल रही हैं.

बांग्लादेश को टू-व्हीलर का निर्यात

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, दोपहिया और तिपहिया वाहनों का सबसे ज्यादा निर्यात करने वाली भारतीय वाहन कंपनी बजाज ऑटो के कुल मासिक निर्यात में बांग्लादेश का योगदान लगभग 3.6 फीसदी रहता है. अब इस पर असर हो सकता है. हीरो मोटाकॉर्प के मामले में असर ज्यादा बड़ा हो सकता है, क्योंकि उसके वैश्विक निर्यात में बांग्लादेश का हिस्सा 20 से 30 फीसदी तक रहता है.

बांग्लादेश में बजाज-हीरो का बड़ा बाजार

बांग्लादेश में सालाना साढ़े चार से पांच लाख दोपहिया वाहनों की सालाना बिक्री होती है. उसमें सबसे ज्यादा 20-23 फीसदी शेयर बजाज ऑटो के पास है. हीरो मोटोकॉर्प की बांग्लादेश के दोपहिया बाजार में 15-20 फीसदी हिस्सेदारी है. बजाज और हीरो दोनों एक दशक से ज्यादा समय से बांग्लादेश के बाजार में उपस्थित हैं. हीरो मोटोकॉर्प ने बांग्लादेश के जेसोर में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी लगाया हुआ है. पड़ोसी देश में टीवीएस मोटर भी जेवी के जरिए प्लांट लगाई हुई है.

1,500 करोड़ रुपये का निर्यात प्रभावित

दोपहिया वाहनों के अलावा टाटा मोटर्स, अशोक लीलैंड, आयशर मोटर्स जैसे कमर्शियल व्हीकल कंपनियों पर भी संकट का असर हो सकता है. कोविड महामारी से पहले भारत से 34-35 हजार कमर्शियल व्हीकल का बांग्लादेश को निर्यात हो रहा था. बाद के सालों में इसमें लगातार गिरावट आई थी और 2023-24 में निर्यात महज 6 हजार वाहनों का रहा था. हालांकि उसके बाद निर्यात फिर सुधरने लगा था. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने बांग्लादेश को लगभग 1,500 करोड़ रुपये के वाहनों का निर्यात किया था.

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