Indore Metropolitan Area: इंदौर को महानगर क्षेत्र के रूप में विकसित करने का खाका तैयार हो गया है. महानगर क्षेत्र के प्रारूप को फाइनल करने के लिए जनप्रतिनिधि और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया गया.
Indore News Today: इंदौर महानगर क्षेत्र (Indore Metropolitan Area) का ड्राफ्ट तैयार हो गया है. जिसे अंतिम रूप देने के लिए जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया गया. इस ड्राफ्ट में धार, उज्जैन और देवास के हिस्से भी शामिल किए गए हैं.
कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में व्यापक जनहित में रीजनल प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. इस प्रारूप का मकसद इंदौर को महानगरीय दृष्टिकोण से विकसित करना है. इससे इंदौर और आसपास के क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा और लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी.
महानगर में चार जिलों के हिस्से शामिल
प्रस्तावित इंदौर महानगर क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 8676 वर्ग किलोमीटर है. इस क्षेत्र में इंदौर, धार, उज्जैन और देवास जिलों के हिस्से शामिल हैं, अब इस इंदौर महानगर क्षेत्र के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए जनप्रतिनिधियों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श किया गया.
इसके बाद इंदौर महानगर क्षेत्र का विकास कार्य शुरू किया जाएगा. इस बैठक में आईडीए के सीईओ आरपी अहिरवार, नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालय के संयुक्त संचालक सुभाष बनर्जी और अन्य अधिकारी मौजूद थे. वही कंट्री प्लानिंग से जुड़ी संस्था की प्रोफेसर रितु शर्मा मेहरोत्रा भी मौजूद थीं.
इंदौर महानगर क्षेत्र में हो रहा तेजी से विकास
हालिया दिनों में इंदौर महानगर क्षेत्र मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा और तेजी से विकसित हो रहा शहरी क्षेत्र बन गया है. एक अनुमान के अनुसार, सिर्फ इंदौर शहर की जनसंख्या 37 लाख से अधिक हो गई है. इंदौर मध्य भारत का प्रमुख आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्र के रुप में उभर रहा है.
आईटी, फार्मास्यूटिकल्स, टेक्सटाइल्स सहित अन्य क्षेत्रों में इंदौर महानगर क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है. इससे सैकड़ों उद्योगों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं. इसके अलावा इंदौर महानगर क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार की कोशिश जारी है.
इंदौर से उज्जैन तक दौड़ेगी मेट्रो
सिंहस्थ-2028 के पहले इंदौर से उज्जैन के बीच वंदे मेट्रो चलाने का प्रस्ताव पास हो गया है. जिससे 79 किलोमीटर का सफर केवल 55 मिनट में पूरा हो जाएगा. प्रस्तावित वंदे मेट्रो की स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा होगी.
यह परियोजना इंदौर और उज्जैन के बीच की दूरी को कम करेगी. जिससे यात्रियों को आवगमन में समय की बचत के साथ सुरक्षित और सुखद यात्रा करने में भी मदद मिलेगी. वंदे मेट्रो प्रोजेक्ट का काम सिंहस्थ-2028 से पहले तक पूरा हो जाएगा.