Sunday, September 22, 2024
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Wayanad Landslides: वायनाड लैंडस्लाइड से 151 की मौत, तबाही के बाद अब भी खतरा! रेड अलर्ट के बाद स्कूल कॉलेज बंद

Wayanad Landslides News: वायनाड में भारी बारिश के बाद भूस्खलन हुआ, जिसकी वजह से जिले में भारी तबाही मची हुई है. लोगों के घरों में पानी और मिट्टी घुस चुका है.


Wayanad Landslides Upadates:
 केरल के वायनाड में मंगलवार (30 जुलाई) तड़के आए भूस्खलन की वजह से काफी ज्यादा तबाही मची गई है. अभी तक 151 लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोगों के लापता होने की जानकारी सामने आ रही है. राहत और बचाव का कार्य जारी है और फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने लगातार वायनाड के हालातों पर नजर बनाई हुई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि वायनाड भूस्खलन को लेकर अभी तक के लेटेस्ट अपडेट्स क्या हैं.

वायनाड जिले में बचाव अभियान के लिए तैनात सेना ने भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से स्थायी अवसंरचना बह जाने के बाद एक अस्थायी पुल की मदद से  करीब 1000 लोगों को बचाने में कामयाबी हासिल की है. 

स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज कुछ ही पलों में वायनाड पहुंचने वाली हैं. उनके अलावा केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी वायनाड पहुंच रहे हैं. दोनों ही लोग वायनाड भूस्खलन के बाद चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेंगे. 

वायनाड भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 151 हो गई है. भारतीय सेना के जवानों ने चूरलमाला में बचाव अभियान शुरू किया है. यहां सेना की चार टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं. एनडीआरएफ भी टीमें भी लोगों को बचाने का काम कर रही हैं.

मौसम विभाग ने बताया है कि अगले तीन घंटे में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होने वाली है. विभाग ने केरल के पथानामथिट्टा, अलाप्पुझा, कोट्टायम और एर्नाकुलम जिले में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. वायनाड, कोझिकोड़, कन्नूर और कासरगोड़ जिले में भी अगले तीन घंटे में भारी बारिश होने वाली है. 

केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) के अनुसार, फायर एंड रेस्क्यू, सिविल डिफेंस, एनडीआरएफ और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमों के सदस्य बचाव कार्यों में शामिल हैं. डीएससी सेंटर कन्नूर से लगभग 200 भारतीय सेना के जवान और कोझिकोड से 122 टीए बटालियन भी घटनास्थल पर मौजूद हैं.

भारतीय वायुसेना के दो हेलीकॉप्टर, एक एमआई-17 और एक एएलएच भी बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. बचाव अभियान के दूसरे दिन की प्रादेशिक सेना की 122 इन्फैंट्री बटालियन के सैनिक अपने शेल्टर्स से मेप्पाडी और वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए रवाना हो रहे हैं. 

आपदा और लगातार बारिश को देखते हुए बुधवार (31 जुलाई) को सभी स्कूल कॉलेज बंद रहेंगे. केरल के 11 जिलों कासरगोड, कन्नूर, कोझीकोड, वायनाड, मलप्पुरम, पलक्कड़, त्रिशूर, इडुक्की, एर्नाकुलम, अलाप्पुझा और पथानामथिट्टा में भी छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है. 

वायनाड भूस्खलन की चपेट में आकर घायल हुए 120 से ज्यादा लोगों का वायनाड के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, भूस्खलन की चपेट में आए ज्यादातर पीड़ित चाय बागानों में काम करते थे और सड़क के किनारे या फिर बागानों में छोटे घरों में रहते थे. 

एनडीआरएफ कमांडर अखिलेश कुमार ने कहा, “हमने कल मुंडक्कई गांव से घायल पीड़ितों को बचाया. हमें डर है कि पीड़ित ढही हुई इमारतों में फंसे हो सकते हैं. कल रात 10 बजे तक हमने 70 लोगों को बचाया, जिसके बाद खराब मौसम और बारिश के कारण हमें रुकना पड़ा.”

अखिलेश ने कहा, “कई टीमें राहत-बचाव का काम कर रही हैं, इसलिए हम मौतों की सटीक संख्या नहीं दे सकते. हम केवल उन शवों के बारे में जानते हैं जिन्हें हमारी टीम ने बरामद किया. लोगों को नदी के दूसरी ओर एक रिसॉर्ट और एक मस्जिद में आश्रय दिया गया है. बारिश अभी भी हो रही है, इसलिए एक और भूस्खलन की संभावना है.”

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