Thursday, November 7, 2024
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Coaching Centre Flooding: ‘धीरे-धीरे घुस रहा था पानी और फिर…’, जब शीशे तोड़कर घुसा सपनों को डुबोने वाला मौत का सैलाब

Old Rajendra Nagar Coaching Death: कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से वहां पढ़ने गए तीन छात्रों की डूबकर मौत हो गई. कई घंटे की मशक्कत के बाद उनकी लाश को बाहर निकाला गया.


Delhi Coaching Centre Flood: दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में हुए हादसे ने लोगों को भीतर से झकझोर कर रख दिया है. उस भयावह स्थिति को सोच कर ही शरीर में कंपकंपी दौड़ पड़ती है, जब बेसमेंट में पानी भरने के बाद जान बचाने के लिए छात्रों ने कितने हाथ-पांव मारे होंगे. छटपटाहट के बीच कैसे पानी ने तीन जिंदगियों की जान ली होगी. ये सोचकर ही दिल दहल उठता है. कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में 15 मिनट तक मौत का तांडव चला, जिसकी वजह से तीन लोगों की मौत हो गई. 

ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राऊज कोचिंग सेंटर में शनिवार (27 जुलाई) की शाम जब बच्चे पढ़ने के लिए आए तो वो इस बात से बेखबर थे कि वहां कुछ ही पलों में क्या होने वाला है. बारिश की वजह से कोचिंग सेंटर के बाहर पानी भरा हुआ था. तभी वहां से एक कार गुजरी और उसकी रफ्तार से पानी की एक लहर उठी, जो बेसमेंट की खिड़कियों को तोड़ते हुए अंदर घुस गई. पानी इतनी ज्यादा तेजी से घुसा कि छात्रों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला. किसी तरह से कुछ छात्र पानी से बाहर निकल पाए.

धीरे-धीरे बेसमेंट में घुस रहा था पानी: चश्मदीद

बारिश की वजह से सड़क पर करीब तीन फीट पानी भरा हुआ था. घटनास्थल पर मौजूद चश्मदीद छात्र के मुताबिक, बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में करीब 30-35 स्टूडेंट्स मौजूद थे. हादसे से पहले पानी धीरे धीरे अंदर जा रहा था. लाइब्रेरी के बंद होने का समय शाम 7 बजे था. मगर उससे पहले ही मौत ने दस्तक दे दी. चश्मदीद छात्रों का कहना है कि 27 जुलाई को भी लाइब्रेरी से वो जैसे ही बाहर निकले तो सामने से बहुत तेज प्रेशर में पानी आते हुए दिखाई दिया. 

चंद मिनटों में पानी से लबालब भर गया कोचिंग सेंटर का बेसमेंट

घटनास्थल पर मौजूद छात्रों ने बताया कि सड़क पर जमा पानी बेसमेंट की ऊपरी खिड़कियां तोड़ते हुए तेजी से अंदर दाखिल हुआ. ठीक वैसे ही जैसे फिल्मों में दिखाया जाता है. समंदर में डूबते जहाज के केबिन में पानी जितनी रफ्तार से दाखिल होता है. उसी तेजी से पानी ने छात्रों की घेराबंदी कर दी. जब तक छात्र लाइब्रेरी से बाहर निकलते, तब तक घुटनों तक पानी भर चुका था, जिसने चंद मिनटों में पूरे बेसमेंट को अपने आगोश में ले लिया. सीढियों से लेकर खिड़कियों तक पानी ने रास्ता रोक लिया. 

बेसमेंट में ऐसा क्या था, जिससे फंस गए छात्र?

RAU कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ बनी इमारतों के बेसमेंट में छात्रों को खतरे में डालकर पढ़ाई कराई जाती है. मीडिया में आई खबरों के बाद अब इस इलाके की लाइब्रेरी को बंद किया जा रहा है. बोर्ड भी उतारे जा रहे हैं. राजेंद्र नगर में RAU कोचिंग इंस्टीट्यूट की तरह करीब 90% लाइब्रेरी बेसमेंट में ही चल रही हैं. छात्र 3500 रुपए का मेंबरशिप लेते हैं और जान जोखिम में डालकर यहां पढ़ाई करते हैं. 

बेसमेंट में चलने वाली लाइब्रेरी में एक ही दरवाजा होता है. फिंगर प्रिंट के जरिए एंट्री होती है. बिजली जाने और कोई खराबी होने पर इन दरवाजों से निकलना मुश्किल हो जाता है. AC, वाईफाई जैसी छोटी मोटी सुविधाओं का लालच देकर छात्रों को मौत के मुंह में लाया जाता है. माना जा रहा है कि एक दरवाजा होने के चलते ही छात्रों को निकलने का मौका नहीं मिल पाया होगा.

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