Uttar Pradesh Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीतिक उठापटक के बीच दिल्ली ने दखल देते हुए इसे अनुशासनहीनता बताया है. वहीं राज्य के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी एक बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे हैं.
Uttar Pradesh Political Crisis: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को उत्तर प्रदेश से करारा झटका लगा था. बीजेपी इस झटके से उबर भी न पाई थी, कि सूबे की सियासत में कुछ ऐसी उथल-पुथल शुरू हुई कि मुख्यमंत्री बदलने तक का शोर सियासी गलियारों में सुनाई देने लगा.
बीते कुछ दिनों से राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए यह कयास लगाए जा रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अंदर सब कुछ ठीक तो नहीं है. यूपी बीजेपी के भीतर चल रही इस सियासी खींचतान को सिलसिलेवार तरीके से समझते हैं.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के भीतर यह स्थिति अचानक नहीं बनी. लोकसभा चुनाव के बाद राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हार की समीक्षा को लेकर कई मंडल में बैठक की थी, जिसमें डिप्टी सीएम नदारद दिखे. लोकसभा चुनाव के बाद 8 जून 2024 को यूपी में समीक्षा बैठक की गई थी, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक दोनों शामिल नहीं हुए थे.
केशव प्रसाद मौर्य बोले- सरकार से बड़ा संगठन
इसके बाद 14 जुलाई 2024 को लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय में बीजेपी प्रदेश कार्य समिति की बैठक हुई, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, “संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है. हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है.” इसके बाद आरोप लगे कि केशव प्रसाद मौर्य बीजेपी विधायकों के साथ-साथ विपक्षी नेताओं से भी मिल रहे हैं.
टीम योगी से दोनों डिप्टी सीएम के नाम गायब
यूपी की सियासी खटपट की टाइमिंग भी काफी महत्वपूर्ण है. हाल ही में पार्टी को लोकसभा में झटका लगा है और 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं. उत्तर प्रदेश का उपचुनाव सीएम योगी आदित्याथ के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा है. इसके लिए सीएम योगी ने 30 लोगों की टीम बनाई थी.
इस टीम में राज्य के दोनों डिप्टी सीएम का नाम शामिल नहीं किया गया, जिसके बाद राजनीतिक हलकों में फुसफुसाहट शुरू हो गई. प्रदेश बीजेपी में संगठन और सरकार के बीच मनमुटाव के कयासों को तब और हवा मिल गई जब 20 जुलाई 2024 को प्रयागराज कुंभ की तैयारियों को लेकर बैठक हुई और इसमें केशव प्रसाद मौर्य शामिल नहीं हुए.
उत्तर प्रदेश में आरक्षण को लेकर एक चिट्ठी भी वायरल हुई, जिसे लेकर दावा किया गया कि 22 जुलाई 2024 डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने यह सीएम योगी आदित्यनाथ के विभाग को लिखी थी. इस में कार्मिक विभाग के ACS से आरक्षण का ब्यौरा मांगा गया था. इसमें पूछा गया कि संविदा और आउटसोर्सिंग से भर्तियों में कितना आरक्षण दिया गया?
ओपी राजभर और डिप्टी सीएम की मुलाकात
मीटिंग में शामिल न होने के खेल में अब सिर्फ पार्टी के ही नहीं बल्कि सहयोगियों दल के नेता भी शामिल होने लगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 23 जुलाई 2024 को अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी.
इस बैठक में एनडीए सहयोगी और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर नहीं पहुंचे. सीएम की बैठक में शामिल न होकर ओपी राजभर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के आवास पर मुलाकात करने पहुंचे थे. दोनों नेताओं की मुलाकात करीब आधे घंटे तक हुई.
इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने 25 जुलाई 2024 को प्रयागराज मंडल के साथ बैठक की थी, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य नहीं पहुंचे थे. फिर 26 जुलाई 2024 को सीएम योगी ने लखनऊ मंडल की बैठक ली, जिसमें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शामिल नहीं हुए थे. इसके बाद विपक्ष भी बीजेपी पर हमलावर हो गया.
सीएम योगी की बैठकों से दिग्गजों के नदारद होने के इस सिलसिले पर आखिरकार शनिवार (27 जुलाई 2024) को केंद्रीय नेतृत्व को दखल देना पड़ा. पार्टी हाई कमान ने इस हरकत को अनुशासनहीनता करार दिया. दिल्ली में आज यानी 27 जुलाई 2024 को बीजेपी मुख्यमंत्री परिषद की बैठक भी हो रही है, जिसमें यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और दोनों डिप्टी सीएम पहुंचे हैं. हालांकि इस बैठक के बाद क्या हल निकलेगा ये भविष्य में ही पता चलेगा.