फ्रोजन फूड, पैक्ड फूड और जंक फूड का इस्तेमाल इन दिनों काफी ज्यादा बढ़ गया है. लेकिन जितनी आसानी से ये फूड आइटम बन जाते हैं ये उतना ही तेजी में आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचाते हैं.
आजकल की भागदौड़ वाली लाइफस्टाइल के बीच वैसी चीजों का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ा है जो कम समय में फटाफट तैयार हो जाए. वक्त की कमी के कारण आजकल लोगों के बीच फ्रोजन फूड, पैक्ड फूड और जंक फूड का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है. लेकिन जितनी आसानी से ये फूड आइटम बन जाते हैं ये उतना ही तेजी में आपके स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुंचाते हैं. ये ज्यादा खाने से न सिर्फ मोटापा बढ़ रहा है बल्कि हार्ट अटैक, कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है.
बढ़ रहा है फ्रोजन फूड आइटम्स का इस्तेमाल
खासकर वर्किंग लोगों के बीच फ्रोजन फूड और पैक्ड फूड खाने का इस्तेमाल काफी तेजी से बढ़ रहा है. जिन युवाओं के पास समय की कमी होती है और वे घर से बाहर रहते हैं. वे अक्सर ऐसे ही फूड आइटम्स का यूज करते हैं. घर में बने ताजे खाने के मुकाबले फ्रोजन फूड को सेहत के लिए खराब माना जाता है. लंबे समय तक स्टोर किए जाने वाले फ्रोजन फूड में हाइड्रोजनेटेड पाम ऑयल का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें हानिकारक ट्रांस फैट होता है.
फ्रोजन फूड आइटम में मिले होते हैं काफी ज्यादा केमिकल
इसके अलावा फ्रोजन फूड में स्टार्च और ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फ्रोजन और प्रिजर्व्ड फूड को ताजा रखने के लिए कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. ये सभी चीजें मिलकर फ्रोजन फूड और प्रिजर्वेटिव वाले बाहर के खाने को खतरनाक बनाती हैं. अमेरिका से लेकर भारत तक पिछले कुछ सालों में इस तरह के खाने का क्रेज तेजी से बढ़ा है. अगर भारत की बात करें तो मेट्रो शहरों में युवाओं में जंक फूड और बाहर के खाने का चलन काफी बढ़ गया है. इस तरह के खाने से फूड इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है. इसके अलावा ये खाना मोटापे, लिवर, किडनी, हार्ट और शरीर के हर अंग को नुकसान पहुंचाता है. फ्रोजन फूड में सोडियम की मात्रा अधिक होने के कारण ये खाना शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा करता है.
फ्रोजन फूड का ज्यादा इस्तेमाल इन बीमारियों का बढ़ता है खतरा
डायबिटीज का खतरा: ऐसे फ्रोजन फूड को ताजा रखने के लिए स्टार्च का इस्तेमाल किया जाता है. यह स्टार्च खाने का स्वाद तो बढ़ाता है लेकिन इसे पचाना मुश्किल हो जाता है. ऐसे खाने को खाने से शरीर ग्लूकोज को शुगर में बदल देता है. ज्यादा शुगर से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। इससे शरीर के टिश्यू भी डैमेज हो जाते हैं.
दिल के लिए खतरनाक: फ्रोजन और प्रोसेस्ड फूड खाने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. फ्रोजन फूड में ट्रांस फैट की मात्रा ज्यादा होती है जो धमनियों में थक्के जमने की समस्या को बढ़ाता है. ट्रांस फैट शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इससे हार्ट अटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है. साथ ही ऐसे खाने में सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है जो बीपी को भी बढ़ाता है.
मोटापा बढ़ता है: फ्रोजन फूड में फैट की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जिससे शरीर में मोटापा बढ़ता है. इस तरह के खाने को पोषक तत्वों से भरपूर बताया जाता है लेकिन डॉक्टर इसे सेहत के लिए धीमा जहर मानते हैं. इस खाने में मौजूद फैट में कार्बोहाइड्रेट या प्रोटीन के मुकाबले दोगुनी कैलोरी होती है. अगर आप 1 कप फ्रोजन चिकन खाते हैं तो इससे करीब 600 कैलोरी मिलती है.
कैंसर का खतरा: जो लोग ज़्यादा फ्रोजन फ़ूड खाते हैं, उनमें कैंसर का ख़तरा बहुत ज़्यादा होता है. कई शोधों से पता चला है कि फ्रोजन फ़ूड, ख़ास तौर पर फ्रोजन मीट खाने से पैन्क्रियाटिक कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है. एक अध्ययन के अनुसार, फ्रोजन मसालेदार नॉनवेज, हॉट डॉग और सॉस खाने से कैंसर का ख़तरा 65 प्रतिशत तक बढ़ जाता है.