NEET UG 2024 SC Verdict: सीजेआई ने कहा कि अभी तक जांच अधूरी है. हमने केंद्र से भी जवाब मांगा था कि 4750 केंद्रों में से कहां-कहां गड़बड़ी रही. हालांकि, आईआईटी मद्रास ने भी मामले की समीक्षा की.
NEET UG 2024 SC Verdict: नीट पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई) को फैसला सुनाते हुए कहा कि नीट का पेपर दोबारा नहीं होगा. फैसला पढ़ने के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि केंद्र सरकार, NTA ने अपनी बातें रखीं. सीबीआई के एडिशनल डायरेक्टर ने भी कोर्ट की सहायता की. सीजेआई ने कहा कि यह मामला बड़ी संख्या में छात्रों को प्रभावित करने वाला है. इसलिए हम दोबारा परीक्षा को न्यायोचित नहीं मानते.
चीफ जस्टिस ऑफि इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक हजारीबाग में हुआ और पटना तक गया, यह निर्विवाद है. उन्होंने आदेश पढ़ते हुए कहा कि सीबीआई ने कहा है कि अभी तक हजारीबाग और पटना के 155 छात्रों लाभार्थी होने की बात सामने आई है.
अभी तक जांच है अधूरी- CJI
सीजेआई ने कहा कि अभी तक जांच अधूरी है. हमने केंद्र से भी जवाब मांगा था कि 4750 केंद्रों में से कहां-कहां गड़बड़ी रही. हालांकि, आईआईटी मद्रास ने भी मामले की समीक्षा की. अभी तक उपलब्ध सामग्री के हिसाब से यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता कि परीक्षा की पवित्रता पूरी तरह प्रभावित हुई है.
दोबारा परीक्षा का 20 लाख से ज्यादा छात्रों पर पड़ेगा असर-डीवाई चंद्रचूड़
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने इस साल के नतीजों की तुलना पिछले 3 साल के आंकड़ों से भी की. इससे भी ऐसा नहीं लगा कि व्यापक गड़बड़ी है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि गलत तरीके अपनाने वाला कोई भी छात्र फायदा न उठा सके, न भविष्य में दाखिला पा सकें. उन्होंने कहा कि हम मानते हैं कि दोबारा परीक्षा का 20 लाख से ज्यादा छात्रों पर इसका असर पड़ेगा. अकादमिक सत्र गड़बड़ा जाएगा, पढ़ाई में देरी होगी. इसलिए हम दोबारा परीक्षा को न्यायोचित नहीं मानते.
SC ने एग्जाम सेंटर को लेकर NTA से मांगा था जवाब
18 जुलाई 2024 को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने एनटीए को दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया था. परीक्षा में पारदर्शिता को लेकर कोर्ट ने एनटीए को नीट-यूजी परीक्षा में स्टूडेंट्स द्वारा प्राप्त नंबरो को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया था. साथ ही कहा कि स्टूडेंट्स की पहचान गोपनीय रखी जाए.
केंद्र बदलने के मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एनटीए से पूछा कि क्या उसके पास कोई डेटा है जिससे पता चले कि 1 लाख 8 हजार स्टूडेंट्स ने अपना केंद्र बदला है? यह देखना जरूरी है कि संदिग्ध केंद्र बदला गया था या नहीं. एनटीए ने जवाब दिया कि परीक्षा से 2 दिन पहले ही केंद्र आवंटित किया जाता है, इसलिए इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं है.