थैलेसीमिया बीमारी दो तरह की होती है. पहला- थैलेसीमिया मेजर और दूसरा- थैलेसीमिया माइनर. पोपटलाल और मधुबाला को थैलेसीमिया माइनर की बीमारी है. इसमें हीमोग्लोबिन का लेवल काफी गिर
जाता है.
TMKOC Popatlal Disease: ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ के लेटेस्ट एपिसोड में पोपटलाल की शादी एक बार फिर कैंसिल हो गई है. इस बार उनकी शादी कैंसिल होने की वजह एक बीमारी बनी है. जिसका नाम थैलेसीमिया (Thalassemia) है. उनकी शादी मधुबाला से हो रही थी. डॉ. हाथी ने जानकारी दी कि पोपटलाल और मधुबाला में थैलेसीमिया के लक्षण मिले हैं,जो एक जेनेटिक बीमारी है. ऐसे में आइए जानते हैं आखिर ये किस तरह की बीमारी है, जिससे पोपटलाल की शादी होते-होते रह गई.
थैलेसीमिया कौन सी बीमारी है
थैलेसीमिया एक तरह से ब्लड डिसऑर्डर है, जो दो प्रकार का होता है. पहला- थैलेसीमिया मेजर और दूसरा- थैलेसीमिया माइनर. पोपटलाल और मधुबाला को थैलेसीमिया माइनर की बीमारी है. इसमें हीमोग्लोबिन का लेवल काफी गिर जाता है जो आगे चलकर खतरनाक हो सकता है. अगर मम्मी-पापा में से किसी एक को भी थैलेसीमिया (Thalassemia Minor) है, तो बच्चों में भी आ सकता है. अगर पैरेंट्स में दोनों को थैलेसीमिया माइनर हो तो 25% तक चांस है कि बच्चों में थैलेसीमिया मेजर हो सकता है.
थैलेसीमिया माइनर और मेजर में क्या अंतर है
थैलेसीमिया मेजर में शरीर बहुत ज्यादा मात्रा में हीमोग्लोबिन यानी रेड ब्लड सेल्स बनाता है, जो शरीर में ऑक्सीजन को एक से दूसरी जगह ले जाने का काम करते हैं, जबकि थैलेसीमिया माइनर होने पर शरीर में ज़रूरत से कम हीमोग्लोबिन बनने लगता है, जो बेहद खतरनाक है.
थैलेसीमिया के क्या लक्षण हैं
1. हड्डियां में सही तरह ग्रोथ नहीं होता है. चेहरे की हड्डियों में ज्यादा दिक्कत होती है.
2. यूरीन का रंग गाढ़ा होता है.
3. बच्चों की ग्रोथ काफी धीरे होती है.
4. हमेशा थकान लगती रहती है.
5. स्किन का रंग पीला पड़ जाता है.
थैलेसीमिया का इलाज
1. थैलेसीमिया मेजर होने पर हर दो-तीन हफ्ते में ब्लड चढ़वाना पड़ता है.
2. इस बीमारी में लगातार दवाईयां खानी पड़ती है.
3. थैलेसीमिया के इलाज में सर्जरी की भी जरूरत पड़ सकती है.