तकनीक ने हमारी जिंदगी काफी आसान कर दी है. इसकी मदद से पैरेंट्स भी अपने बच्चों पर आसानी से नजर रख पाते हैं.
बच्चों की परवरिश करते-करते पैरेंट्स कई बार काफी ज्यादा प्रोटेक्टिव हो जाते हैं. हालात तो ऐसे भी होते हैं कि वे बच्चों की केयर करते-करते उनकी जासूसी तक करने लगते हैं. ऐसे पैरेंट्स अपने बच्चों के लगभग हर काम में टोकाटाकी करने लगते हैं और कई बार उन्हें अनकंफर्टेबल भी कर देते हैं. आइए आपको बताते हैं कि बच्चों की जासूसी करने की यह आदत किस तरह बैकफायर कर सकती है.
कायम नहीं रहता भरोसा, रिश्ते में आती है दरार
किसी भी रिश्ते की बुनियाद हमेशा विश्वास ही होता है. अगर आप भी अपने बच्चे की जासूसी करते हैं तो वह आप पर अपना भरोसा खत्म कर सकता है. इससे आपके और उसके रिश्ते में दरार भी आ सकती है. दरअसल, जब बच्चों को पता लगता है कि उनकी प्राइवेसी को नुकसान हो रहा है तो वे इसे धोखाधड़ी समझने लगते हैं और पैरेंट्स से कट जाते हैं.
अपनी चीजें छिपाने लगते हैं बच्चे
जब बच्चों को अहसास होता है कि उन्हें लगातार मॉनिटर किया जा रहा है तो वे अपनी चीजों को छिपाने लगते हैं और पैरेंट्स की नजरों से बचने के लिए नए-नए तरीके सोचने लगते हैं. इन चीजों की वजह से उनके मन में इतनी ज्यादा खटास आ सकती है, जिसे दूर करना नामुमकिन हो सकता है.
खुद पर भरोसा करना छोड़ सकते हैं बच्चे
अपनी पहचान बनाने और कई मामलों में खुद ही डिसीजन लेने के लिए बच्चों को थोड़ी-बहुत आजादी देने की जरूरत होती है. अगर बच्चे को लगातार मॉनिटर किया जाता है तो उनकी सोचने-समझने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, जिसके चलते उन्हें अपनी दिक्कतों को सुलझाने में समस्या हो सकती है.
एंजाइजी और स्ट्रेस से जूझ सकते हैं बच्चे
अगर बच्चों को पता लग जाए कि पैरेंट्स उनकी जासूसी कर रहे हैं तो वे स्ट्रेस महसूस कर सकते हैं और एंजाइटी के मरीज बन सकते हैं. दरअसल, लगातार मॉनिटरिंग की वजह से बच्चे खुद पर दबाव महसूस करने लगते हैं. इसकी वजह से बच्चों में स्ट्रेस बढ़ने लगता है और वे मानसिक बीमारियों से जूझ सकते हैं.
बच्चों की सोशल लाइफ पर भी पड़ सकता है असर
अगर आप अपने बच्चे को लगातार मॉनिटर करते हैं तो उसके सोशल स्किल के डिवेलपमेंट पर भी असर पड़ सकता है. लगातार मॉनिटर होने की वजह से वह पूरी तरह अपने पैरेंट्स पर डिपेंड हो जाएगा, जिसका असर उसकी पूरी जिंदगी पर पड़ सकता है. आपके लगातार जासूसी करने से बच्चे पर बुरा असर पड़ता है. दरअसल, जब आप उसे दूसरे की प्राइवेसी का ध्यान रखने के बारे में बताएंगे तो वह आपकी हरकतों का हवाला देते हुए आपकी बात को नजरअंदाज कर सकता है.