Thursday, November 7, 2024
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Kalki 2898 AD को ब्लॉकबस्टर बनाने वाले फैक्टर: माइथोलॉजी से लेकर अमिताभ बच्चन तक

Kalki 2898 AD Blockbuster Factors: ‘कल्कि 2898 एडी’ में ऐसे कई फैक्टर हैं जो ऐसी इंडियन फिल्म बना सकते है जो इंडियन फिल्म इंडस्ट्री के फ्यूचर को बदलकर रख सकती है.

Kalki 2898 AD Blockbuster Factors: इंडिया की अब तक की सबसे बड़ी फिल्म ‘कल्कि 2898 एडी’ रिलीज के लिए तैयार है. फिल्म का ट्रेलर आने के बाद फिल्म का बज बन चुका है. इंडियन ऑडियंस हमेशा से इस दिन के इंतजार में थी कि यहां भी कोई ऐसी फिल्म बने जिसका आकार किसी बड़ी हॉलीवुड फिल्म जैसा हो. फिल्म का ट्रेलर देखकर इस बात की उम्मीद भी जगी है.

फिल्म में कई ऐसी चीजें हैं जो इसे सच में भारत में बनी अब तक की सबसे बड़ी फिल्म बना सकती हैं. फिल्म का बजट और स्टारकास्ट इसे पहले ही बड़ा बना चुका है. वैसे सिर्फ इतना ही काफी नहीं है. फिल्म के थिएटर्स से हट जाने के बाद तभी बड़ी मानी जाती है, जब उसका कलेक्शन बड़ा हो.

हालांकि, ‘कल्कि 2898 एडी’ को बनाने में उन सभी मसालों का मिक्सचर इस्तेमाल किया गया है, जिससे इसके ब्लॉकबस्टर होने की उम्मीदें जगी हैं. आइए नजर डालते हैं फिल्म से जुड़ी उन्हीं सब बातों पर जो इस बात की ओर इशारा करती हैं कि शायद ये फिल्म दंगल (2024 करोड़) और बाहुबली 2 (1500 करोड़) जैसी कई फिल्मों का रिकॉर्ड तोड़ दे.

प्रॉपर स्ट्रैटजी के साथ चुनी गई है स्टारकास्ट
फिल्म में अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण हैं जो हिंदी फिल्मों के सबसे बड़े स्टार हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रभास तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री से आते हैं. फिल्म में कमल हासन भी अहम रोल में दिखे हैं, जो तमिल सिनेमा के बड़े सितारे हैं. 

एक ओर जहां अमिताभ-दीपिका की वजह से हिंदी दर्शक फिल्म के इंतजार में हैं. वहीं, दूसरी ओर साउथ में प्रभास और कमल हासन दर्शकों को खींचने में कामयाब हो सकते हैं. इन चारों में एक कॉमन चीज ये है कि ये चारों पैन इंडिया भी पहचाने जाते हैं. ये कॉमन चीज फिल्म को इंडिया की सबसे बड़ी फिल्म बना सकती है.

अकेले अमिताभ ने बना दिया है फिल्म को बहुत बड़ा

  • फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद अगर सबसे ज्यादा किसी की बात हुई है तो वो अमिताभ ही हैं. उनको इसके पहले ऐसे रोल में कभी नहीं देखा गया. सही मायने में देखा जाए तो फिल्म में अमिताभ का होना फिल्म को और बड़ा बना जाता है. इसकी कई वजहें हैं.
  • अमिताभ ओवरसीज में फिल्म में मौजूद किसी भी एक्टर्स से ज्यादा पहचान रखते हैं, जिसका फायदा फिल्म को मिल सकता है.
  • फिल्म में भले ही प्रभास लीड रोल में हों, लेकिन अमिताभ उन पर हर तरह से भारी हैं. जैसे वो करीब 5 दशक का स्टारडम अपने कंधों पर लेकर आए हैं. इस मामले में प्रभास उनके सामने नए हैं. 
  • प्रभास को जो पॉपुलैरिटी ‘बाहुबली’ फ्रेंचाइजी ने दिलाई, उसे वो आगे ठीक से भुना पाने में फेल साबित हुए हैं. वहीं अमिताभ ने ‘केबीसी’ और ‘मोहब्बतें’ से दूसरी पारी शुरू की. इसके बाद वो मास मसाला के साथ-साथ अच्छे कंटेंट वाली फिल्मों के साथ दर्शकों के सामने आए हैं. इस वजह से वो दर्शकों को आज भी उतने ही पसंद हैं जितने 70-80 के दशक में हुआ करते थे.

चीन और जापान जैसे देशों में प्रभास के फेम का फायदा
प्रभास ने ‘बाहुबली’ से चीन, जापान और रूस जैसे देशों में भी फैंस जुटा लिए हैं. उनकी इस फिल्म ने इन देशों में अच्छी कमाई की थी. जापान की बात करें तो ‘बाहुबली’ इतनी फेमस हुई कि उसके बाद इसके बाद प्रभास की तीन और फिल्में ‘बाहुबली 2’, साहो, सालार भी यहां अच्छा पैसा बटोरने में कामयाब रहीं. तो ऐसे में ‘कल्कि 2898 एडी’ के अच्छे कलेक्शन की उम्मीद की जा सकती है.

स्पेशल इफेक्ट्स की धुरंधर कंपनियां जुड़ी हैं फिल्म से
फिल्म के ट्रेलर में जितना स्पेशल इफेक्ट देखने को मिला वो कमाल का है. इंडियन फिल्मों में वीएफएक्स और सीजीआई का इस्तेमाल शुरू हुए काफी समय हो चुका है. अमिताभ की अलादीन से लेकर रजनी की रोबोट और शाहरुख की रा वन तक इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में अच्छे वीएफएक्स और स्पेशल इफेक्ट्स देखने को मिले हैं.समय बीतने के साथ इसका स्टैंडर्ड भी बढ़ता गया. बाहुबली और साहो जैसी फिल्में इसका अच्छा उदाहरण हैं.

अब इस फिल्म में वीएफएक्स का इन फिल्मों से भी अच्छा उदाहरण देखने को मिल सकता है. असल में फिल्म के स्पेशल इफेक्ट्स में कई अलग-अलग कंपनियों ने काम किया है. लेकिन इनमें से एक सबसे बड़ी कंपनी DNEG भी फिल्म से जुड़ी है, जो एक्स मेन, इंसेप्शन, टेनेट जैसी फिल्मों के लिए वीएफएक्स और स्पेशल इफेक्ट तैयार कर चुकी है.

DNEG और प्राइम फोकस का साल 2014 में विलय होने के बाद इस कंपनी ने कई बड़ी फिल्मों के वीएफएक्स दिए, जिनके लिए कंपनी को एकेडमी अवॉर्ड भी मिले. इन फिल्मों में टेनेट (2020), फर्स्ट मैन (2019), ब्लेड रनर 2049 (2017) और एक्स मशीना (2015) जैसी फिल्में शामिल हैं.

इस बड़ी कंपनी का फिल्म के साथ जुड़ने का मतलब है कि फिल्म स्पेशल इफेक्ट के मामले में हॉलीवुड जैसा फील दे सकती है. अगर फिल्म की कहानी लोगों को पसंद आई तो फिल्म के लिए मुनाफे का सौदा हो सकती है.

फिल्म का भारी-भरकम बजट
फिल्म का बजट 600 करोड़ के आसपास है. इससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्म पूरी तरह से टेक्निकली मजबूत हो सकती है. हालांकि, ये फिल्म के रिलीज के बाद ही पता चलेगा. जैसा ‘आदिपुरुष’ जैसी 700 करोड़ के भारी-भरकम बजट वाली फिल्म ने अपने वीएफएक्स और स्पेशल इफेक्ट्स से मायूस किया था. वैसा इस फिल्म के साथ होता नहीं दिख रहा, क्योंकि फिल्म में इस फील्ड से जुड़ी बड़ी कंपनियों ने काम किया है.

माइथोलॉजी और साइंस फिक्शन 
नाग अश्विन की ये फिल्म भविष्य की बर्बाद हो चुकी दुनिया पर बेस्ड है. फिल्म में हिंदू माइथोलॉजी का इस्तेमाल भी बड़ी चालाकी से किया गया है. इसके लिए, महाभारत के बड़े नायक अश्वत्थामा को फिल्म में खास जगह दी गई है. फिल्म में एआई-रोबोट्स के साथ अश्वत्थामा की उपस्थिति फिल्म का पॉजिटिव पॉइंट है.

क्यों इंट्रेस्टिंग है माइथोलॉजी जोड़ना
हिंदू मान्यता के मुताबिक, जिस समय में हम अभी जी रहे हैं. वो 4 युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग का आखिरी पड़ाव है. ऐसा माना जाता है कि कलयुग में पाप बढ़ जाएगा और दुनिया नियम-कानून भूल जाएगी तो ऐसे में भगवान विष्णु कल्कि अवतार लेकर दुनिया को पाप से छुटकारा दिलाएंगे. फिल्म का नाम भी इसी अवतार के नाम पर रखा गया है, जो बताता है कि ये भगवान विष्णु के दसवें अवतार की कहानी कहेगी.

अश्वत्थामा की कहानी इस्तेमाल बढ़ा सकता है एक्साइटमेंट
अश्वत्थामा को फिल्म में अहम किरदार के तौर पर पोर्ट्रे किया गया है. ऐसे में दर्शकों में उत्सुकता है कि उन्हें कैसे दिखाया जाएगा. अश्वत्थामा महाभारत के सबसे ताकतवर नायकों में से एक थे. वो कौरव-पांडव के गुरु द्रोणाचार्य के बेटे थे, जिनके माथे पर एक मणि थी. इस मणि से उन्हें तमाम शक्तियां मिली हुई थीं. इससे उनमें इंसानों को छोड़कर बाकी किसी भी जीव को कंट्रोल करने की शक्ति थी.

ट्रेलर में अमिताभ के सिर पर एक घाव जैसा दिखता है और कई सीन में वो माथे पर मणि के साथ फाइट करते दिखते हैं. इस घाव की भी अपनी कहानी है. जब महाभारत युद्ध में अश्वत्थामा के पिता द्रोण को छल से मार दिया जाता है. तो अश्वत्थामा गुस्से में द्रौपदी के पांच बच्चों को मार देते हैं. 

इसके बाद वो अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी मारने की कोशिश करते हैं. इससे नाराज कृष्ण न सिर्फ अश्वत्थामा के माथे की मणि निकलवा देते हैं, बल्कि उन्हें श्राप भी देते हैं दर्द में हमेशा के लिए जिंदा रहने का.

महाभारत काल में जहां अश्वत्थामा गर्भ में पल रहे बच्चे को मारने के प्रयास करते हैं, वहीं इस फिल्म में वो दीपिका पादुकोण के गर्भ में पल रहे बच्चे को बचाने के लिए जंग करते दिख रहे हैं. अंदाजा लगाया जा सकता है कि अश्वत्थामा जैसा ताकतवर योद्धा पर्दे पर दिखेगा तो वो दर्शकों को कितना पसंद आ सकता है.

फिल्म की एडवांस बुकिंग
नॉर्थ अमेरिका से लेकर इंडिया की अलग-अलग भाषाओं वाले बेल्ट से फिल्म की एडवांस बुकिंग से जुड़े जो आंकड़े आ रहे हैं वो चौकाने वाले हैं. फिल्म को रिलीज होने में अभी 2 दिन बाकी हैं और रिपोर्ट लिखे जाने तक सैक्निल्क के मुताबिक, फिल्म अकेले इंडिया में 24 करोड़ रुपये की एडवांस टिकटें बिक चुके हैं. अगर दुनिया भर का डेटा जोड़ दें तो ये करीब 40 करोड़ के ऊपर पहुंचता है. जो फिल्म के लिए पॉजिटिव साइन है.

फिल्म की कमाई में रोड़ा बन सकती है ये वजह
हालांकि, ऊपर बताई गई वजहें बेशक फिल्म की बंपर कमाई की ओर इशारा करती हों, लेकिन ये जादू सिर्फ 3 दिनों तक ही चल पाएगा. इसके बाद, कमाई सिर्फ इस बात पर डिपेंड करेगी कि फिल्म कैसी है. इसके अलावा, ट्रेलर देखने में देखने से कभी हॉलीवुड फिल्म ड्यून तो कभी मैड मैक्स फ्यूरी रोड की झलक सी दिखती है. फिल्म के वीएफएक्स अच्छे होने के बावजूद अगर ये रिपीट लगे तो हो सकता है दर्शकों पर इसका नेगेटिव असर भी पड़े. 

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