कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि जब कनाडा जी7 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा तो उनके पास बात करने के लिए बहुत कुछ होगा. वह जी7 देशों के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं.
भारत G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन पिछले कई सालों से समिट में उसे आमंत्रित किया जाता रहा है. इस बार इटली में भी आउटरीच देश के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समिट में शामिल हुए थे. अब अगले साल कनाडा इसकी मेजबानी करने जा रहा है. ऐसे में जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से इसे लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि जब कनाडा जी7 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा तो उनके पास कहने के लिए और बहुत कुछ होगा.
भारत को लेकर क्या बोले जस्टिन ट्रूडो?
मीडिया ने उनसे सवाल किया कि क्या कनाडा भारत को अगले साल जी7 समिट के लिए आमंत्रित करेगा, जैसा कि भारतीय सरकार खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोपों से इनकार करती रही है. इस पर जस्टिन ट्रूडो ने कहा, ‘मैं कनाडा के लोगों की उस उत्सुकता की सराहना करता हूं, जो जी7 को लेकर उनमें हैं. हालांकि, इटली इस साल के लिए जी7 का अध्यक्ष है और मैं प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और जी7 के मेरे सभी साथियों के साथ उन मुद्दों पर काम करने के लिए उत्सुक हूं, जिन पर हमने बात की है. अगले साल जब कनाडा जी7 की अध्यक्षता करेगा तो मेरे पास बात करने के लिए और भी बहुत कुछ होगा.’
इस साल 13 जून से 15 जून इटली के अलुपिया में जी7 शिखर सम्मेलन हुआ, जिसमें भारत को आउटरीच कंट्री के तौर पर आमंत्रित किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लगातार तीसरी बार पीएम बनने के बाद यह पहली विदेश यात्रा थी. वह लगातार पांच बार से जी7 समिट में शामिल हो रहे हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस जी7 के सदस्य हैं. शिखर सम्मेलन में यूरोपीयन संघ (EU) भी शामिल होता है.