PM Modi Oath Ceremony: धर्म का सबसे बड़ा कारक चंद्रमा होता है और चंद्रमा प्रधानमंत्री के साथ है. प्रधानमंत्री का मुहूर्त पुनर्वसु- नक्षत्र का है. इसी नक्षत्र में वह शपथ लेने जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार शपथ लेने जा रहे हैं और काशी से लेकर दिल्ली तक उनके शपथ ग्रहण की तैयारियां चल रही है. वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई कार्यक्रम हो या जनता के लिए कोई योजना शुरू करने की बात, उन सभी में प्रधानमंत्री मुहूर्त का ध्यान जरूर देते हैं. प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण समारोह में भी इस बात का ध्यान दिया जा रहा है.
प्रधानमंत्री चुनाव जून को शाम 7:15 बजे शपथ लेने वाले हैं. इसी को लेकर काशी के ज्योतिष विद पंडित संजय उपाध्याय ने कुछ खास चीज बताई. उनकी कुंडली बता रही है कि वृश्चिक लग्न होगा और मीन का नोमांस होगा. इस हिसाब सेमीन का नोमांस बृहस्पति होता है, जो राज सत्ता पर दृष्टि डाल रहा है. ज्योतिष के हिसाब से पीएम मोदी की राज्य सट्टा बहुत प्रबल होने वाली है. हां यह बात है कि आगे चल के सहयोगी दल के साथ थोड़ी खटपट हो सकती है, लेकिन राज्य सत्ता में कोई असर नहीं पड़ेगा. सूर्य और बृहस्पति के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञानात्मक तेज बल भी प्राप्त होगा.
पुनर्वसु- नक्षत्र में शपथ लेंगे पीएम मोदी
ज्योतिष विद पंडित संजय उपाध्याय ने कहा कि वृश्चिक राशि काशी की है. यहां पर वृश्चिक राशि छठे स्थान पर है जो मृत्यु का स्थान है. वृश्चिक राशि ही मोदी जी के लग्न में है. यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महा श्मशान को चुना है. उन्होंने कहा कि धर्म का सबसे बड़ा कारक चंद्रमा होता है और चंद्रमा प्रधानमंत्री के साथ है. प्रधानमंत्री का मुहूर्त पुनर्वसु- नक्षत्र का है. इसी नक्षत्र में वह शपथ लेने जा रहे हैं.
सहयोगी दलों से हो सकती है खटपट
एनडीए सहयोगी दलों के साथ सरकार बना रही है, इसको लेकर ज्योतिष ने कहा, आने वाले समय में सभी तो नहीं, लेकिन कुछ दल आगे चलकर दिक्कत पैदा कर सकते हैं. हालांकि इससे मोदी जी की सत्ता में कोई भी प्रभाव नहीं पड़ेगा.
जनता का सहयोग मिलेगा
पंडित जी ने कहा कि मोदी जी के राशि और लग्न एकदम सटीक बैठते हैं. इसमें कोई भी परेशानी नहीं है. किसी के साथ-साथ प्रधानमंत्री को जनता का सहयोग भी जोरदार मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बृहस्पति की दृष्टि है.