Japan Airlines and IndiGo Agreement: जापान एयरलाइंस और इंडिगो ने कोडशेयर पार्टनरशिप पर सहमति जताई है. इससे जापान और भारत के बीच सफर करने वालों के लिए ज्यादा ऑप्शन उपलब्ध होने से फायदा होगा.
Japan Airlines and IndiGo Agreement: इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड जो इंडिगो के तौर पर जानी जाती है, इसके शेयर में आज उछाल देखा जा रहा है. ये 126.20 रुपये या 3.02 फीसदी की तेजी दिखाकर 4307.50 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है. दरअसल कंपनी को लेकर एक पॉजिटिव खबर है जिसके दम पर इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के शेयर में उछाल बना हुआ है. जापान एयरलाइंस ने इंडिगो के साथ ‘कोडशेयर’ समझौता किया है. इससे जापान की एविएशन कंपनी को घरेलू एयरलाइन नेटवर्क के 14 डेस्टिनेशन तक अपनी सेवाओं को एक्सटेंड करने में मदद मिलेगी.
जापान एयरलाइंस फिलहाल टोक्यो से दे रही भारत के लिए फ्लाइट सर्विसेज
जापान एयरलाइंस फिलहाल टोक्यो से दिल्ली और बेंगलुरु के लिए अपनी सेवाएं ऑपरेट करती है. यह हनेदा एयरपोर्ट से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लिए डेली फ्लाइट सर्विसेज जबकि नारिता हवाई अड्डे से बेंगलुरु के लिए हफ्ते में तीन फ्लाइट्स ऑपरेट करती हैं. जापान एयरलाइंस ने अपने बयान में कहा, “जापान एयरलाइंस (जेएएल) और इंडिगो ने कोडशेयर पार्टनरशिप पर सहमति जताई है. इससे जापान और भारत के बीच सफर के लिए ज्यादा ऑप्शन उपलब्ध होने से लोगों को फायदा होगा.”
इंडिगो के मैनेजमेंट का क्या है कहना
एविएशन कंपनी इंडिगो के नेटवर्क प्लान और रेवेन्यू मैनेजमेंट के सीनियर प्रेसिडेंट अभिजीत दासगुप्ता ने कहा, “जापान एयरलाइंस के साथ इंडिगो इस समझौते से कोडशेयर भागीदारी के अपने सेगमेंट का एक्सपेंशन कर रहा है. पार्टनरशिप का यह फेज भारत में इंडिगो के विशाल नेटवर्क का इस्तेमाल करके जापान से और जापान की यात्रा के लिए जापान एयरलाइंस के कस्टमर्स के लिए मौजूदा ऑप्शंस का एक्सपेंशन करता है.” उन्होंने कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों के बीच व्यापार, वाणिज्य और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निर्बाध संपर्क प्रदान करेगी.
जापान एयरलाइंस में मैनेजिंग एग्जीक्यूटिव ऑफिसर और सीनियर प्रेसिडेंट (रूट डिस्ट्रीब्यूशन) रॉस लेगेट ने कहा, “व्यापक नेटवर्क के दम पर भारत और जापान आने-जाने वाले यात्री एक ही टिकट पर अपनी फ्लाइट बुक कर सकेंगे. भारत ने हाल के सालों में काफी अच्छी आर्थिक बढ़ोतरी हासिल की है. जापान और भारत के बीच हवाई यात्रा की मांग पहले से कहीं अधिक बढ़ रही है.”