Pune Porsche Accident Case: पुणे पोर्शे एक्सीडेंट केस को लेकर घमासान जारी है. इस बीच आरोपी को चिल्ड्रन रिमांड होम भेजा जाएगा. 5 जून तक ऑब्जर्वेशन में नाबालिग आरोपी रहेगा.
Pune Accident Case: पुणे के पोर्शे एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी की जमानत खारिज हो गई है. नाबालिग आरोपी के वयस्क होने पर फैसला नहीं हो सका. आरोपी को चिल्ड्रन रिमांड होम में भेजा जाएगा. उसे 5 जून तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा. इस दौरान जुवेनाइल कोर्ट फैसला 5 जून तक दे सकती है. या फिर 5 जून के आगे भी ऑब्जर्वेशन में रखा जा सकता है.
सुनवाई के दौरान पुलिस के वकील ने कहा कि नाबालिग का केस निर्भया केस की तरह चलाया जाए. आरोपी की उम्र 16 वर्ष के ऊपर है, उसकी आयु 17 वर्ष 8 महीने है. शराब पीने की धारा जोड़ी गई है, जिसके CCTV और पब को दिए बिल भी कोर्ट में पेश किए गए हैं.
इस बीच पुणे के पोर्शे एक्सीडेंट केस में नाबालिग आरोपी के पिता पर स्याही फेंकने की कोशिश की गई.
पुणे में दुर्घटना जिस पोर्शे कार से हुई थी, उसे 17 वर्षीय नाबालिग चला रहा था. रविवार (19 मई) को तड़के उसने कल्याणी नगर में मोटरसाइकिल सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को टक्कर मार दी थी जिससे उनकी मौत हो गई.
पुलिस का दावा है कि किशोर ने घटना के समय शराब पी रखी थी. आरोपी किशोर एक रियल एस्टेट डेवलेपर का बेटा है.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दी थी जमानत
आरोपी को बाद में किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया गया और कुछ समय बाद उसे जमानत दे दी गई. आदेश में कहा गया है, ”किशोर सड़क दुर्घटनाओं और उनके समाधान विषय पर 300 शब्दों का निबंध लिखेगा.”
इसके बाद पुलिस पर आरोप लगा कि हाई प्रोफाइल केस होने की वजह से नरमी बरती. आलोचना के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बाद में पुलिस ने मंगलवार को छत्रपति संभाजीनगर से नाबालिग के पिता को हिरासत में लिया और कुछ घंटे बाद गिरफ्तार कर लिया.