ECI Recovery: लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण की वोटिंग से पहले आयोग ने कुल 8889 करोड़ की ऐतिहासिक जब्ती की. देश में निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए आयोग की ओर से की गई कार्रवाई के चलते रिकॉर्ड जब्ती की है.
Election Commission Recovered: लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवे चरण का चुनाव में 2 दिन बचे हैं. इस बीच चुनाव आयोग इलेक्शन के दौरान वोटरों को लुभाने के लिए होने वाले धनबल को रोकने के लिए सख्ती से निपट रहा है. इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने आम चुनाव के दौरान अवैध धन, नशीले पदार्थों को जब्त करने का रिकॉर्ड बनाया है. आयोग ने बताया के अब तक चुनाव के समय जब्त की गई चीजों का आंकड़ा 8889 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जिसमें 45% जब्ती दवाओं की है.
दरअसल, धनबल के खिलाफ चुनाव आयोग की कार्रवाई में 8889 करोड़ रुपए जब्त किए गए हैं. जिसमें चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव के समय जब्ती का आंकड़ा जल्द ही 9,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा. गौरतलब है कि 45 फीसदी जब्ती ड्रग्स और नशीले पदार्थों की है. जिन पर आयोग का विशेष ध्यान है.
जब्त की गई चीजों में 45% नशीली दवाएं शामिल- ECI
चुनाव आयोग के मुताबिक, इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने लोकसभा चुनावों के प्रलोभन देने वालों पर सख्त से सख्त एक्शन ले रहा है. इस दौरान चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव अवैध धन, नशीले पदार्थ, फ्री बीज और बेशकीमती धातुओं को जब्त करने का रिकॉर्ड जब्ती की है. चुनाव आयोग ने इलेक्शन में काले धन और धनबल के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए आज 8889 करोड़ रुपए किए, जिसमें 45% जब्ती में नशीली दवाओं की मात्रा शामिल है.
ECI करता रहेगा ऐसी कार्रवाई
चुनाव आयोग ने बताया कि लोकसभा चुनावों की तारीखों के ऐलान के बाद से यानी पांचवे चरण का मतदान शुरू होने से पहले ही 8889 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. गौरतलब है कि ये रकम 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान हुई कुल जब्ती से भी काफी ज्यादा है.
आयोग के मुताबिक, स्थानीय लोग, आयकर, आयकर खुफिया निगरानी विभाग, कस्टम, आबकारी, लोकल पुलिस, पैरामिलेट्री फोर्स के अधिकारियों के सतर्क और तालमेल से ही चुनाव आयोग आगे भी ऐसी ही कार्रवाई सख्ती के साथ करता रहेगा.
धनबल से होता है चुनाव प्रभावित
पिछले कुछ सालों में गुजरात, पंजाब, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा और मिजोरम में चुनावों के दौरान बड़ी मात्रा में जब्ती की गई है. आयोग ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने पिछले महीने आम चुनाव की घोषणा करते हुए धन बल को एक प्रमुख चुनौती बताया था. उस दौरान चुनाव आयोग ने चुनाव प्रचार में राजनीतिक नेताओं की मदद करने वाले लगभग 106 सरकारी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है.