MCD Student Uniform Subsidy: एमसीडी के 1534 स्कूलों में 7,54,347 छात्र पंजीकृत हैं. इन छात्रों को एमसीडी ने स्टैंडिंग कमेटी के गठन का इंतजार किए बगैर यूनिफॉर्म सब्सिडी जारी करने का फैसला लिया.
MCD News: दिल्ली हाई कोर्ट की ओर फटकार खाने और आदेश जारी होने के बाद उस पर अमल करते हुए एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) ने अपने छात्रों को यूनिफॉर्म सब्सिडी मुहैया कराने का फैसला लिया है. इसके लिए एमडीसी एक प्रस्ताव लाने की योजना पर विचार कर रही है. एमसीडी के ताजा प्रस्ताव के जरिए स्कूल के छात्रों को यूनिफॉर्म देने के लिए 1100 रुपये सीधे डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के जरिए उनके अकाउंट में जमा कराएगी. ताकि छात्र खुद ही स्कूल यूनिफॉर्म बनवा लें या बाजार से खरीद लें.
एमसीडी ने इस प्रस्ताव पर शैक्षिक सत्र 2024-25 में अमल करने का फैसला लिया है. वर्तमान में एमसीडी के स्कूलों में 7,54,347 छात्र पढ़ते हैं. ये छात्र एमसीडी के 1534 स्कूलों में पंजीकृत हैं. एमसीडी ने यह प्रस्ताव उस समय लाया है जब दिल्ली हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए समय से छात्रों को स्कूल यूनिफॉर्म, टेक्स्टबुक, नोटबुक, बैग व अन्य सामग्री स्टैंडिंग कमेटी की परमिशन के बगैर मुहैया कराने को कहा था. साथ ही एमसीडी को ऐसा न कर पाने के लिए फटकार लगाई थी.
पहले चरण में जारी होंगे 90 फीसदी पैसे
एमसीडी शिक्षा विभाग ने इसके लिए चरण में अनुमानित 90 प्रतिशत बजट जारी करने का प्रस्ताव रखा है. ये बजट जोनल डिप्टी डायरेक्टर को मुहैया कराए जाएंगे. इसके बाद अगर जोनल डायरेक्टर द्वारा शेष बजट की मांग की जाएगी तो डिमांड के अनुरूप शिक्षा विभाग द्वारा पैसे जारी किए जाएंगे. इस हिसाब से पहले चरण में 74.6 करोड़ रुपये जारी करने की जरूरत पड़ेगी.
एमसीडी की अपने प्रशासनिक आय और व्यव शाखा को बजट मुहैया कराएगी. उसी के जरिए पैसा छात्रों के बैंक अकाउंट में पहुंचाने का काम होगा. साल 2023-24 के लिए 75 प्रतिशत फंड जोनल डिप्टी डायरेक्टर को छात्रों के अकाउंट में जारी करने को कहा गया था. शेष पैसा बाद में जारी किया गया था.
दो लाख बच्चे सब्सिडी से रहे वंचित
एमसीडी ने विगत माह दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि पिछले साल 2023-24 में 7.86 लाख बच्चों को पैसा जारी किया गया था. दो लाख बच्चे बैंक अकाउंट न होने की वजह से बच्चे पैसे नहीं ले पाये थे.
एमसीडी कमिश्नर को दिया था ये आदेश
एमसीडी आयुक्त ज्ञानेंद्र भारती ने दिल्ली हाईकोर्ट को बीते माह बताया था कि उनके पास केलव पांच करोड़ रुपये जारी करने के अधिकार हैं. स्टैंडिंग कमेटी गठित न होने पर पैसा जारी करना मुश्किल है. इस पर हाई कोर्ट ने स्टैंडिंग कमेटी के गठन का इंतजार किए बगैर छात्रों को बैंक अकाउंट के जरिए इसका लाभ देने को कहा था.
उन्होंने ये भी कहा था कि नोटबुक के लिए 300 रुपये और 120 रुपये स्कूल बैग के लिए जरूरी 29.3 करोड़ रुपये भी जारी किए गए थे. जहां तक टेक्स्टबुक की बात है तो वह दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया जाता है. दिल्ली सरकार ने कहा कि टेक्स्टबुक प्रकाशकों की ओर से जरूरी सप्लाई आते ही छात्रों को मुहैया करा दिया जाता है. इस बार दिल्ली सरकार इसे जल्द से जल्द मुहैया कराने का काम करेगी.