जिला बाल संरक्षण विभाग के परिवहन विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया
गया
जिला बाल संरक्षण इकाई और परिवहन विभाग ने संयुक्त रूप से जीसस क्राइस्ट स्कूल, समशेर नगर में स्कूल बस चालकों, कंडक्टरों और महिला परिचारकों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया, जिसमें सुरक्षित स्कूल वाहन नीति और सड़क सुरक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी एस. हरभजन सिंह ने कहा कि स्कूल प्रबंधन समितियों को स्कूल बस चालकों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए। समितियों को यह देखना चाहिए कि चालक नशे में न हों और शारीरिक रूप से भी स्वस्थ हों। उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्कूल वाहन नीति का उद्देश्य बच्चों को सुरक्षित स्कूल वाहन उपलब्ध कराना है, ताकि नियमों को ध्यान में रखते हुए स्कूल बसों में सीसीटीवी लगाए जाएं। कैमरे लगे होने चाहिए और हर बस में एक महिला अटेंडेंट होनी चाहिए। इसके साथ ही स्कूल बसों की वैन संख्या , प्रकार , मॉडल , बैठने की क्षमता , फिटनेस प्रमाण पत्र , वैधता , परमिट , स्कूल प्राधिकरण का अनुबंध संख्या , स्पीड गवर्नर , सीसीटीवी , वैन का दरवाजा , ताले , हाइड्रोलिक , जैक , आपातकालीन निकास , स्टॉप साइन , बजर , प्राथमिक चिकित्सा किट और अग्निशामक यंत्र आदि हर बस में होने चाहिए।
इस अवसर पर सहायक परिवहन अधिकारी श्री प्रदीप कुमार ने कहा कि पंजाब सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत प्रत्येक स्कूल बस के ऊपर स्कूल का फोन नंबर लिखना अनिवार्य है। स्कूल द्वारा नियुक्त स्कूल बस चालक का कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड / गंभीर अपराधी नहीं होना चाहिए, चालक को किसी भी नशीली दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। प्रत्येक बस में आपातकालीन द्वार/खिड़की की सुविधा होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि बसों में निर्धारित सीटों से अधिक बच्चों को न बैठाया जाए और स्कूल बसों में किसी भी प्रकार का कबाड़ या अश्लील वस्तु नहीं होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि चेकिंग के दौरान यदि कोई बस अनफिट पाई गई तो उसी समय सेफ स्कूल वाहन पॉलिसी चेकिंग टीम की मौजूदगी में संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और स्कूल बसों के चालान भी काटे जाएंगे। कटौती की जाएगी और यदि जांच के दौरान बसों की स्थिति सही नहीं पाई गई तो बस को रोक दिया जाएगा।
इस अवसर पर एएसआई गुरमीत सिंह, पवित्र सिंह आरटीओ विभाग, हरिंदर सिंह , स्कूल प्रिंसिपल और अन्य स्टाफ सदस्य भी उपस्थित थे।