केजरीवाल ने आबकारी नीति में गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा, केजरीवाल के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक सबूत नष्ट करने और 100 करोड़ रुपए हवाला के जरिए भेजने के आरोप हैं.
दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोप में जेल में बंद सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान ED ने केजरीवाल के खिलाफ सबूत होने का दावा करते हुए केजरीवाल की याचिका का विरोध किया. केजरीवाल ने अपनी याचिका में ED की गिरफ्तारी को चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या क्या हुआ?
– ED के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि सीएम केजरीवाल पर इलेक्ट्रॉनिक सबूत नष्ट करने और 100 करोड़ रुपए हवाला के जरिए भेजने के आरोप हैं. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 100 करोड़ प्रोसिड्स ऑफ क्राइम है. लेकिन घोटाले को 1100 करोड़ का बताया जा रहा है. इतनी बढ़त कैसे हुई.
– इस पर ED के वकील ने कहा, होलसेल व्यापारियों को गलत तरीके से भारी लाभ करवाया गया. शुरू में हमारी जांच के केंद्र में केजरीवाल नहीं थे. जांच के क्रम में उनका नाम निकल कर सामने आया. यह कहना गलत है कि हमने केजरीवाल को निशाना बनाने के लिए गवाहों से विशेष रूप से उनके बारे में सवाल किए. गवाहों की तरफ से मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए धारा 164 के बयान को देखा जा सकता है.
– इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आपने सभी पहलुओं को दर्ज करते हुए केस डायरी बना रखी होगी. हम वह देखना चाहेंगे.
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमारे पास सीमित सवाल है. वह यह है कि क्या गिरफ्तारी में PMLA सेक्शन 19 का सही तरीके से पालन हुआ. लेकिन पहली गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल को गिरफ्तार करने में 2 साल का समय लग जाना सही नहीं लगता.
केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपये मांगे- ED
– ED ने कहा, हमारे पास सबूत हैं कि खुद केजरीवाल ने 100 करोड़ रुपए की मांग की. इस बात के भी सबूत हैं कि वह गोवा चुनाव के समय जिस 7 स्टार होटल हयात में रुके थे, उसके बिल का भुगतान चैरियट इंटरप्राइजेज ने किया.
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम सेक्शन 19 (गिरफ्तारी की धारा) के दायरे भी तय करना चाहते हैं. यह सुनवाई इसलिए भी है. जस्टिस खन्ना ने ED के वकील एस वी राजू से कहा, आप 12.30 तक इस मुद्दे पर बहस खत्म कीजिए. हम उसके बाद अंतरिम जमानत पर सुनवाई करेंगे. यह चुनाव का समय है. दिल्ली के मुख्यमंत्री जेल में हैं.
सुप्रीम कोर्ट में फसल और किसान का जिक्र
– इस पर सॉलिसीटर जनरल ने कहा, यह गलत उदाहरण होगा. अगर फसल के मौसम में कोई किसान जेल में हो, तो क्या उसे बेल नहीं मिलनी चाहिए. एक नेता को अलग से रियायत क्यों मिले?
– इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आम चुनाव 5 साल में आता है. फसल का मौसम हर 6 महीने में आता है.
– इस पर सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, केजरीवाल को अक्टूबर में बुलाया गया, अगर वह आ जाते तो क्या यह नौबत आती कि चुनाव का समय आ गया है, इसलिए रिहा करना होगा. सुनवाई लंबी चलेगी, यह भी अंतरिम जमानत का आधार नहीं हो सकता.
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा, गिरफ्तारी वाले पहलू पर ED 1 बजे तक बहस खत्म करे. 2 बजे से अंतरिम जमानत पर बहस होगी.
समाज में गलत असर न जाए- ED
– सॉलिसीटर जनरल ने कहा, यह संदेश नहीं जाना चाहिए कि कानून की निगाह में नेता आम नागरिक से अलग है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम इस पहलू का भी ध्यान रखेंगे.
– सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, चुनाव प्रचार लग्जरी है, फसल के लिए काम करना किसान की आजीविका है. समाज में गलत संदेश जाएगा.
– सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम सभी बातों को सुनेंगे. हमने इस बात को भी नोट किया है कि वह 6 महीने तक समन पर पेश होने से बचते रहे.
– तुषार मेहता ने कहा, कोर्ट को तथ्य देखने चाहिए. इनका प्रचार करना या न करना, चिंता का विषय नहीं हो सकता. अगर यह प्रचार नहीं करेंगे तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा.