Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए वोटिंग 26 अप्रैल को होनी है. बीजेपी के लिए ये अहम होने वाला है, क्योंकि पिछले चुनाव में इन तीन सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी.
Lok Sabha Elections 2024: नॉर्थ बंगाल की तीन लोकसभा सीटें, जिसमें दार्जिलिंग, रायगंज और बालुरघाट पर लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण यानि 26 अप्रैल को मतदान होना है. 2019 के लोकसभा चुनाव में तीनों सीट पर BJP ने जीत का परचम लहराया था. इस बार का मुकाबला काफी अलग है यहां की सीटों पर लोकल मुद्दे सामने आ रहे हैं.
इन सीटों पर चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है. बालुरघाट लोकसभा सीट में बंगाल प्रदेश बीजेपी प्रेसिडेंट सुकांत मजूमदार की टक्कर राज्य मंत्री और टीएमसी नेता बिप्लब मित्रा से है. बीजेपी की ओर से राजू बिस्ता दार्जिलिंग से चुनाव लड़ रहे हैं, जो मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. कांग्रेस ने मुनीश तमांग को मैदान में उतारा है, जिन्हें लोकल हमरो पार्टी का सपोर्ट मिल रहा है. वहीं टीएमसी ने पूर्व ब्यूरोक्रेट गोपाल लामा को टिकट दिया है. कर्सियांग के एक बीजेपी विधायक बिष्णु पद शर्मा ने इंडिपेंडेट कैंडिडेट के रूप में इलेक्शन लड़ने का निर्णय किया है.
अलग राज्य की मांंग
दार्जिलिंग लोकसभा सीट भगवा पार्टी के लिए सुरक्षित मानी जाती रही है, क्योंकि बीजेपी यहां साल 2009 से ही जीत दर्ज करते हुए आ रही है. पिछले लोकसभा चुनाव में राजू बिस्ता ने चार लाख से अधिक वोटों के अंतर से यहां जीत हासिल की थी. यह पहली बार है कि सीपीआई (एम) की ओर से दार्जिलिंग में किसी कैंडिडेट को टिकट नहीं दिया है. पिछले चार दशकों से दार्जिलिंग की राजनीति अलग गोरखालैंड राज्य की मांग पर चल रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि वो गोरखाओं के सामने आने वाली समस्याओं का समाधान संविधान के मुताबिक होगा. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि बीजेपी गोरखाओं का दिखावा कर रही है और वोटरों द्वारा बीजेपी को चुनने के बाद भी दार्जिलिंग के लोगों के लिए कुछ नहीं किया है.
दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र
चाय बिजनेस में कम उत्पादन और बागानों के बंद होने से लोग परेशान हैं. प्रोडक्शन की बढ़ती लागत, कम उपज और क्लाइमेट चेंज के खतरों ने दार्जिलिंग चाय के लिए परेशानी खड़ा कर रहा है. दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र में दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, कर्सियांग और तलहटी में माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी, सिलीगुड़ी, फांसीदेवा और चोपड़ा शामिल हैं. सिलीगुड़ी गलियारा जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है. ये नेपाल और बांग्लादेश के साथ बॉर्डर शेयर करता है. इसके साथ ही भूटान और चीन के बहुत करीब है.
बालुरघाट और रायगंज में कनेक्टिविटी और हेल्थ सर्विस मुख्य चुनावी मुद्दे हैं. बालुरघाट के वर्तमान बीजेपी सांसद मजूमदार बांग्लादेश के बॉर्डर से लगे लोकसभा क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क के सुधार पर जोर दे रहे हैं. रायगंज में लंबे समय से पेंडिंग एम्स की मांग बीजेपी और कांग्रेस ने उठाई है. एम्स को साउथ बंगाल में ट्रांसफर कर दिया गया, क्योंकि टीएमसी सरकार ने रायगंज में जमीन मुहैया न होने की बात की थी.
रायगंज सीट
रायगंज से टीएमसी के कृष्णा कल्याणी, बीजेपी के कार्तिक पाल और कांग्रेस के कैंडिडेट अली इमरान रमज के बीच त्रिकोणीय मुकाबले देखने को मिल रहा है. कल्याणी ने 2021 में बीजेपी के टिकट पर रायगंज विधानसभा सीट जीती थी, लेकिन बाद में वह टीएमसी में चले गये. BJP ने रायगंज की मौजूदा सांसद देबाश्री चौधरी की जगह कार्तिक पाल को टिकट दिया है.