Friday, September 20, 2024
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AMU VC Selection: 100 साल का बदला इतिहास, नईमा खातून बनीं VC, जानिए कैसे होता है AMU के वाइस चांसलर का सिलेक्शन

AMU VC Naima Khatoon: नईमा खातून अलीगढ़ मुस्लिम यूनविर्सिटी के वीमन्स कॉलेज की प्रिंसिपल और प्रोफेसर भी रही हैं. उनकी नियुक्ति पांच साल के लिए की गई है.

AMU VC News: नईमा खातून को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) की वाइस चांसलर के तौर पर नियुक्त किया गया है. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में स्थित यूनिवर्सिटी के 100 साल के इतिहास में नईमा इस पद को संभालने वाली पहली महिला हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद सोमवार (22 अप्रैल) को नईमा खातून को एएमयू का वाइस चांसलर नियुक्त किया गया. राष्ट्रपति मुर्मू अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की विजिटर भी हैं.

वहीं, लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देशभर में आदर्श आचार संहिता लागू है. इस वजह से चुनाव आयोग से भी नियुक्ति को लेकर मंजूरी मांगी गई थी. आयोग ने कहा कि उसे नियुक्ति में कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि इससे कोई राजनीतिक लाभ नहीं लिया जाए. नईमा खातून पांच सालों तक यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर बनी रहेंगी. ऐसे में आइए जानते हैं कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए वाइस चांसलर कैसे चुना जाता है और इसकी प्रक्रिया क्या है.

कैसे चुना जाता है एएमयू का वाइस चांसलर?

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देश की अन्य सेंट्रल यूनिवर्सिटीज के उलट अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के सिलेक्शन का तरीका थोड़ा अलग है. एएमयू में वीसी के सिलेक्शन में यूनिवर्सिटी की एग्जिक्यूटिव काउंसिल और कोर्ट का रोल होता है. एग्जिक्यूटिव काउंसिल में 27 लोग शामिल होते हैं. काउंसिल वाइस चांसलर के पद के लिए आवेदन करने वाले लोगों में से पांच लोगों के पैनल को शॉर्टलिस्ट करता है. इन लोगों को बैलेट पेपर वोटिंग के जरिए शॉर्टलिस्ट किया जाता है.

इसके बाद इन नामों को एएमयू कोर्ट को भेजा जाता है. एएमयू कोर्ट के सदस्य, जिसमें पूर्व वाइस चांसलर समेत अलग-अलग विभागों के डीन शामिल हैं, पैनल में आए पांच नामों पर चर्चा करते हैं. उनकी योग्यता आदि के आधार पर तीन लोगों के नामों को फाइनल किया जाता है. कोर्ट आगे इन्हीं तीन नामों में से किसी एक को वाइस चांसलर बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय के पास भेज देता है. शिक्षा मंत्रालय फिर इन नामों की सिफारिश राष्ट्रपति से करता है और देश की प्रथम नागरिक किसी को वीसी के तौर पर चुनते हैं.

कौन हैं नईमा खातून?

नईमा खातून अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीमन्स कॉलेज में प्रिंसिपल भी रह चुकी हैं. वीसी बनने से पहले वह प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थीं. उन्होंने एएमयू से ही पढ़ाई की हुई है. नईमा ने एएमयू से मनोविज्ञान में पीएचडी की और फिर 1988 में उन्हें यूनिवर्सिटी के इसी डिपार्टमेंट में लेक्चरर बना दिया गया. 2006 में वह मनोविज्ञान की प्रोफेसर बनीं. इसके बाद नईमा को 2014 में वीमन्स कॉलेज की प्रिंसिपल नियुक्त किया गया.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की स्थापना 1875 में सर सैयद अहमद खान ने की थी. उस समय इसे मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज के तौर पर जाना जाता था. 1920 में मुहम्मडन एंग्लो-ओरियंटल कॉलेज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी बन गई. साल 1920 में बेगम सुल्तान जहां को एएमयू की चांसलर नियुक्त किया गया था. वहीं, इसके 100 साल बाद वाइस चांसलर नियुक्त की गईं नईमा खातून पहली महिला हैं.

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