Friday, September 20, 2024
spot_img

Latest Posts

EVM-VVPAT Case: UK-USA में बंद तो भारत में किस लिए इस्तेमाल हो रही EVM?- SC के सवाल पर EC ने दिया यह जवाब

EVM VVPAT Case: चुनाव आयोग के वकील फिलहाल यूरोप के देशों और अमेरिका में हटाई गई ईवीएम और भारतीय ईवीएम की तुलना कर रहे हैं.

EVM VVPAT Case: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम)-वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) से जुड़े मामले में गुरुवार (18 अप्रैल, 2024) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. ईवीएम के साथ वीवीपैट का इस्तेमाल करके डाले गए वोटों के पूरे सत्यापन के अनुरोध से जुड़ी याचिकाओं पर हियरिंग के दौरान यह भी पता चला कि यूनाइटेड किंगडम (यूरोप में) और अमेरिका में बंद की जा चुकी ईवीएम में और भारत में इस्तेमाल की जा रही इन वोटिंग मशीनों में क्या अंतर है. 

दरअसल, चुनाव आयोग के वकील यूरोप के देशों और अमेरिका में हटाई गई ईवीएम और भारतीय ईवीएम की तुलना कर रहे हैं. विदेशी मशीनें नेटवर्क से जुड़ी होती थीं और उनके प्रभावित होने का अंदेशा था, जबकि भारत की ईवीएम स्टैंडअलोन मशीन है. वह किसी नेटवर्क से जुड़ी नहीं होती. विदेशों में ईवीएम निजी कंपनी बनाती थीं पर हिंदुस्तान में इसे पब्लिक सेक्टर कंपनी बनाती है. बाहर वाली ईवीएम में वोट की पुष्टि का सिस्टम नहीं था लेकिन भारत में वीवीपैट के जरिए इसकी पुष्टि हो जाती है.

…तो इस मकसद के चलते लाई गई थी VVPAT

सुनवाई के दौरान जजों की ओर से यह भी कहा गया कि वीवीपैट की पारदर्शिता को लेकर दलील दी जा रही है पर वह शुरू से ऐसे ही है. मशीन में बल्ब जलता है. वोट की पुष्टि करने के लिए सात सेकेंड का मौका मिलता है. यही उस व्यवस्था को लाने का मकसद था.

बोले जज- EC की हर बात पर सफाई की जरूरत नहीं

जस्टिस संजीव खन्ना ने प्रशांत भूषण से कहा- आप इस तरह हर चीज पर अविश्वास नहीं जता सकते. आपकी बातों को हमने विस्तार से सुना. चुनाव आयोग के प्रयासों को भी जाना. आपको भी इसकी सराहना करनी चाहिए. ईवीएम-वीवीपैट मिलान पांच फीसदी होगा, 40 होगा, 50 होगा या कुछ और…चुनाव आयोग को हर बात पर आपको सफाई देने की जरूरत नहीं है. वे लोग काम कर रहे हैं.

EVM को हैक करना संभव ही नहीं- वकील का बड़ा दावा

हियरिंग के बीच चुनाव आयोग के वकील ने जजों का ध्यान इस ओर दिलाया कि सिर्फ बैलेट पेपर से मतदान ही नहीं, 100 फीसदी ईवीएम-वीवीपैट मिलान की मांग को भी सुप्रीम कोर्ट पहले खारिज कर चुका है. कुछ हाई कोर्ट भी ऐसी याचिकाओं को निराधार बता कर ठुकरा चुके हैं. वकील ने आगे यह दावा भी दोहराया कि ईवीएम स्टैंडअलोन मशीन है, जिसे हैक करना संभव ही नहीं है.

चुनाव आयोग के वकील ने बैलट पेपर को लेकर कही ये बात

चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह की ओर से बताया गया कि चुनाव आयोग संवैधानिक संस्था है. वह दायित्व निभा रही है. ईवीएम से मतदान की मौजूदा व्यवस्था में कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है. बैलेट पेपर से मतदान की मांग को सुन कर सुप्रीम कोर्ट पहले खारिज कर चुका है. इसे दोबारा उठाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.