Kashmir Issue News: भारत ने पाकिस्तान से बार-बार कहा है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा. नई दिल्ली कह चुका है किआतंक और हिंसा मुक्त माहौल के बाद ही पाकिस्तान संग बातचीत होगी.
Saudi Arabia on Kashmir: कश्मीर का मुद्दा ऐसा है, जिस पर पाकिस्तान दुनिया को भारत के खिलाफ करने के लिए दर-दर भटकता रहता है. पाकिस्तान को लगता है कि इस्लामिक देश होने की वजह से कम से कम मुस्लिम अरब मुल्क तो कश्मीर मुद्दे पर उसके साथ खड़े रहेंगे. हालांकि, हाल ही में अरब वर्ल्ड के सबसे प्रमुख देश सऊदी अरब ने कश्मीर पर पाकिस्तान की जगह भारत का ‘हाथ’ थामा है, जिसकी वजह से पड़ोसी मुल्क में हलचल मच गई है.
दरअसल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ इन दिनों मुस्लिमों के सबसे प्रमुख शहर मक्का में हैं, जो सऊदी अरब में स्थित है. यहां उन्होंने सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की. दोनों के बीच हुई बैठक के बाद एक संयुक्त बयान जारी हुआ, जिसमें सऊदी अरब ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के रुख का समर्थन किया. बयान में खाड़ी के इस देश ने कहा कि नई दिल्ली-इस्लामाबाद को अपने विवादित मुद्दों को द्विपक्षीय रूप से हल करना चाहिए.
कश्मीर पर भारत का क्या रुख रहा है?
भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर का मुद्दा पिछले सात दशक से विवाद की वजह रहा है. इसे लेकर दोनों देश युद्ध भी लड़ चुके हैं. कश्मीर पर भारत की लंबे समय से स्थिति यह रही है कि ये दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है. इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता या हस्तक्षेप का कोई सवाल ही नहीं है. अमेरिका समेत कई देशों ने कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करवाने की पेशकश भी की है, लेकिन भारत ने इससे हमेशा इनकार किया है.
सऊदी अरब ने कश्मीर पर क्या कहा?
मक्का के अल-सफा पैलेस में शहबाज और क्राउन प्रिंस के बीच हुई मुलाकात के बाद जारी बयान पर सऊदी अरब और पाकिस्तान दोनों ने साइन किए. इस बयान में कहा गया, “दोनों पक्षों (पाकिस्तान-सऊदी अरब) ने क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों (भारत-पाकिस्तान) के बीच लंबित मुद्दों, खासतौर पर जम्मू-कश्मीर विवाद को हल करने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत के महत्व पर जोर दिया है.”
भारत-सऊदी अरब की दोस्ती हुई मजबूत
भारत और पाकिस्तान दोनों के सऊदी अरब सहित अरब देशों के साथ लंबे समय से दोस्ताना रिश्ते रहे हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में नई दिल्ली और रियाद के बीच संबंधों में काफी सुधार हुआ है. वह कई मौकों पर सऊदी अरब का दौरा कर चुके हैं. प्रधानमंत्री के तौर पर अपने पहले कार्यकाल के समय मोदी 2016 में रियाद गए. इसके बाद पीएम मोदी ने दूसरे कार्यकाल में अक्टूबर, 2019 में सऊदी अरब का दौरा किया.