DJB Case: दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने पहली चार्जशीट 30 मार्च को दाखिल की गई थी. यह मामला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर खरीद से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं का है.
Delhi Jal Board Case: दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गुरुवार (4 मार्च) को राउज़ ऐवन्यू कोर्ट में सुनवाई की गई. मामले के आरोपी जगदीश अरोड़ा, अनिल अग्रवाल, तजिंदर पाल सिंह कोर्ट में पेश हुए. मामले में एक अन्य आरोपी देवेंद्र कुमार मित्तल को गुरुवार को कोर्ट में फिजिकली पेश होने की छूट दी गई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को होगी.
दिल्ली जल बोर्ड टेंडर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में राऊज एवेन्यू कोर्ट आज गुरुवार को सुनवाई हुई. 3 अप्रैल को ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए आरोपी देवेंदर मित्तल और तेजिंदर पाल सिंह को कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी किया गया था. मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके आरोपी जगदीश अरोड़ा और अनिल अग्रवाल को भी कोर्ट में पेश करने का नोटिस जारी किया गया था.
30 मार्च को डीजेबी केस में दाखिल की थी पहली चार्जशीट
ईडी की तरफ से 30 मार्च को जल बोर्ड केस में पहली चार्जशीट दाखिल की थी. मामला दिल्ली जल बोर्ड के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटरों की खरीदी से जुड़ी टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं का है. इसमें एक कंपनी और 4 लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. ईडी ने सीबीआई की एफआईआर को आधार बना कर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
पूर्व इंजीनियर पर लगे 3.19 करोड़ की रिश्वत लेने के आरोप
चार्जशीट में जल बोर्ड के पूर्व इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा, कॉन्ट्रेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल, एनबीसीसी (NBCC) इंडिया लिमिटेड कंपनी के पूर्व जनरल मैनेजर डीके मित्तल, एनकेजी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड और तेजिंदर सिंह को आरोपी बनाया गया है. आरोपी जगदीश कुमार अरोड़ा को 3 करोड़ 19 लाख रुपये की कथित रिश्वत मिली थी, जिसमें से उन्होंने दो करोड़ रुपये दिल्ली जल बोर्ड के अन्य अधिकारियों और आम आदमी पार्टी को चुनाव फंड के रूप में ट्रांसफर किए थे.