Himachal: निर्दलीय विधायक के तौर पर इस्तीफा देने वाले तीनों नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं. बता दें कि निर्दलीय विधायक कृष्ण लाल, होशियार सिंह और आशीष शर्मा ने बीजेपी का दामन थाम लिया है.
Himachal Political News: भारतीय जनता पार्टी ऑपरेशन लोटस की तरफ तेजी से आगे बढ़ रही है. कांग्रेस के छह बागी नेताओं के बाद निर्दलीय विधायक के तौर पर इस्तीफा देने वाले नेता भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
दिल्ली स्थित भारतीय जनता पार्टी मुख्यालय में नालागढ़ से कृष्ण लाल ठाकुर, देहरा से होशियार सिंह और हमीरपुर से आशीष शर्मा ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.
कांग्रेस के बागियों ने भी ली बीजेपी की सदस्यता
इससे पहले दोपहर करीब एक बजे दिल्ली में धर्मशाला से सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजिंदर राणा, लाहौल स्पीति से रवि ठाकुर, बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल, गगरेट से चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो बीजेपी में शामिल हो गए.
भारतीय जनता पार्टी में नए नेताओं की जॉइनिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर और हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के साथ कई अन्य बड़े नेता भी मौजूद रहे. भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए इन नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर अपनी आस्था जताई है.हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने दावा किया है कि देश में तीसरी बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे और इसके साथ ही हिमाचल में भी बीजेपी की सरकार बन जाएगी.
शिमला के होटल में भव्य स्वागत
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद सभी शिमला पहुंचेंगे. शिमला के होटल पीटर हॉफ में इनका भव्य स्वागत होगा. इसके लिए बीजेपी शिमला मंडल ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. बीजेपी कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में होटल पीटर हाफ में शाम 6:30 बजे एकत्रित होने के लिए कहा गया है.
बीजेपी के सामने क्या है चुनौती?
भले ही भारतीय जनता पार्टी का कुनबा बढ़ रहा हो, लेकिन पार्टी के लिए भी परेशानी कम नहीं है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व के सामने स्थानीय नेताओं के साथ संगठन के कार्यकर्ताओं को समझाना बेहद महत्वपूर्ण रहने वाला है.
कांग्रेस के जिन नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों को साल 2022 के विधानसभा चुनाव में शिकस्त दी, अब वही नेता कांग्रेस से आकर बीजेपी के नए नेता हो जाएंगे. ऐसे में बीजेपी काडर को नए नेतृत्व को स्वीकार करवाना भी चुनौती से काम नहीं होगा.