आखिर इन मौत और आग के सिलसिलों का सच क्या है? क्या ये महज़ इत्तेफाक है? किसी की साज़िश है? किसी छिपे हुए दुश्मन का वा
र या फिर कुछ और? अब पुलिस को भी इन सवालों का सच जानना है. कहानी राजस्थान के चुरू की है.
राजस्थान के चुरू इलाके में मौजूद एक घर इन दिनों चर्चाओं में है. जिसकी वजह हैरान करने वाली है. उस घर में रहने वाले तीन अलग-अलग लोगों की बारी-बारी से रहस्यमय तरीके से मौत हो गई. तीनों की मौत लगभग एक जैसे हालात में हुई. तीसरी और आखिरी मौत के बाद अचानक उस घर में आग लगने का सिलसिला शुरू हो गया. अब तीसरी मौत और इस आग की गुत्थी को सुलझाने के लिए पुलिस ने एक लाश को कब्र से बाहर निकाला है.
खुद ही लग जाती है आग
दीवार पर एक खूंटी है. खूंटी पर एक कपड़ा टंगा है. आस-पास कुछ भी नहीं है और अचानक उस कपड़े में आग लग जाती है. बेड पर बिस्तर है. बिस्तर के आसपास कुछ नहीं है. यहां तक कि घर में ना तो कोई बीड़ी पीता है और ना सिगरेट, पर अचानक बिस्तर धू-धूकर जल उठता है. बाहर चारा पड़ा है, मौसम ठंडा है और तापमान कम. चारे के आसपास भी कोई ज्वलनशीन पदार्थ नहीं, पर अचानक चारे में खुद ही आग लग जाती है. इस रहस्यमय आग को पकड़ने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगा. कैमरे में रिकॉर्डिंग हो रही थी, रिकॉर्डिंग के सबूत डीवीआर में है. डीवीआर के आस-पास भी कोई ज्वलनशीन पदार्थ नहीं, पर अचानक डीवीआर भी धू-धूकर जल उठता है.
एक बाद एक… घर में तीन मौत
इस रहस्यमय आग से पहले घर में तीन और रहस्यमय चीज़ें होती हैं. घर की दादी बिल्कुल ठीक ठाक. अचानक सुबह उल्टी होती है और दादी की मौत हो जाती है. दादी की मौत के कुछ दिन बाद उसके चार साल के पोते को ठीक वैसी ही उल्टी होती है और उसकी भी मौत हो जाती है. इस पोते की मौत के 15 दिन बाद दादी के बड़े पोते, जिसकी उम्र सात साल है, उसे भी अचानक उल्टी होती है और उसकी भी मौत हो जाती है. 29 फरवरी से शुरू हुआ मौत का ये सिलसिला तीन मौतों के बाद 28 फरवरी को तो थम गया, लेकिन जैसे ही मौत का सिलसिला थमा, घर में रहस्यमय आग का सिलसिला शुरू हो गया.
घर की बुजुर्ग दादी की मौत
अब सवाल ये है कि आखिर इन मौत और आग के सिलसिलों का सच क्या है? क्या ये महज़ इत्तेफाक है? किसी की साज़िश है? किसी छिपे हुए दुश्मन का वार या फिर कुछ और? अब पुलिस को भी इन सवालों का सच जानना है. कहानी राजस्थान के चुरू की है. चुरू के भैंसाली गांव में मौत और ख़ौफ़ के इस सिलसिले की शुरुआत हुई पहली फरवरी से, जब घर की दादी यानी 82 साल की बुजुर्ग महिला कस्तूरी की अचानक मौत हो गई. 1 फरवरी की सुबह करीब छह बजे उन्हें खून की उल्टियां शुरू हुईं और इससे पहले कि लोग उन्हें अस्पताल ले कर जाते, उनकी जान चली गई. घर में मातम पसर गया.
दादी के बाद दो मासूम बच्चों की मौत
अभी इस वारदात को बमुश्किल 12 दिनों का वक़्त गुजरा था कि मौत ने घर में फिर से दस्तक दी. इस बार घर के चार साल के बच्चे गर्वित की जान चली गई. उसे भी सुबह 6 बजे उल्टी हुई थी और अस्पताल ले जाने से पहले ही उसने भी दम तोड़ दिया. लेकिन अभी घरवाले इस दोहरे सदमे से ऊबर पाते, तब तक 15 दिन गुजरते गुजरते घर का दूसरा चिराग भी बुझ गया. 28 फरवरी को घर के सात साल के बड़े बेटे अनुराग यानी मासूम गर्वित के बड़े भाई की भी मौत हो गई. तरीका वही था. सुबह उसे खून की उल्टियां हुईं और इससे पहले कि घरवाले उसे अस्पताल लेकर जाते, उसका इलाज करवाते, उसकी भी मौत हो गई.
मौत के बाद आग का कहर
ज़ाहिर है ये मौतें कहीं से भी सामान्य नहीं लगतीं. अगर ये किसी बीमारी का भी नतीजा है, तो उस बीमारी को जाने बगैर पक्के तौर पर ये नहीं कहा जा सकता कि ये मौतें सामान्य मौत हैं. यानी मौतों का ये तरीक़ा ही अपने-आप में शक पैदा करता है. लेकिन अभी घरवाले मौत के पीछे की वजहों को टटोल पाते, अपनों को गंवाने का सच जान पाते, तब तक घरवालों पर आग का कहर टूटना शुरू हो गया. आखिरी मौत के ठीक एक दिन बाद यानी 29 फरवरी को घर में आग लगने की शुरुआत हो गई. आग कभी दीवार पर टंगे कपड़ों में लगती, कभी बिस्तर, में कभी पशुओं के चारे में तो कभी किसी और चीज़ में.
गांव में दहशत का माहौल
हालत ये है हो गई पीड़ित परिवार के साथ-साथ गांव के तमाम लोग भी आग के इस रहस्यमयी सिलसिले से घबराने लगे. घरवालों ने घर का सारा सामान ही बाहर निकाल दिया, ताकि आग लगने पर उसे फौरन बुझाया जा सके. उधर, गांव वालों ने दो ट्रैक्टरों पर स्प्रे करने वाली दो मशीनें और पानी की टंकी का इंतजाम कर लिया, ताकि आग लगने पर उसे फौरन बुझा लिया जाए.
सीसीटीवी की DVR भी आग में जलकर खाक
इस कहानी में असली ट्विस्ट तो तब आया, जब मौत और आग के इस सिलसिले का सच जानने के लिए जब घरवालों ने सीसीटीवी कैमरे लगाए, तो एक दिन कैमरे का डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर यानी डीवीआर ही जल गया. गौर करने वाली बात ये है कि घऱ में सीसीटीवी कैमरे 3 मार्च को लगाए गए. इसके बाद घर में एक बार भी आग नहीं लगी. बल्कि इस दौरान घर के बाहर पशुओं के बाड़े में आग लगी. लेकिन पांच मार्च को अचानक घर में फिर से आग लगी और इस बार आग सीधे कैमरे के डीवीआर में ही लगी.
मौत और आगजनी के पीछे बड़ी साजिश का शक
इसके बाद अब घरवालों को इन आगजनी की घटनाओं के पीछे किसी साजिश का शक होने लगा है. क्योंकि जिस तरह से डीवीआर में आग लगी है, उससे दो बातें साफ हैं. अव्वल तो इस साजिश के पीछे जो भी है, वो घर में सीसीटीवी कैमरा लगने से नाराज़ है और दूसरा उसने सबूत मिटाने के लिए सीधे डीवीआर को ही फूंक दिया है.
पीड़ित परिवार में अब बचे सिर्फ 4 लोग
जिस घर और परिवार में ये सब अनहोनी हो रही है. अब उसके बारे में भी आपको बता देते हैं. पीड़ित परिवार में कुल 7 लोग थे. 33 साल का घर का बेटा भूप सिंह. उसकी 29 साल की पत्नी मेनका. भूप सिंह की 82 साल की दादी कस्तूरी. 82 साल के ही उसके दादा हरि सिंह. भूप सिंह की 50 साल की मां संतोष और 4 और 7 साल के भूप सिंह के दो बच्चे गर्वित और अनुराग. भूप सिंह के पिता की पहले ही मौत हो चुकी है. लेकिन अब इन तीन मौतों के बाद घर में चार ही लोग बचे हैं. भूप सिंह की दादी और दोनों बच्चे अब दुनिया से जा चुके हैं.
तांत्रिक कर्मकांड के ठीक बाद फिर लगी आग
फिलहाल, इस परिवार की हालत मरता क्या न करता वाली हो गई है. मौत और आग के सिलसिलों से डरे परिवार वालों ने इस रहस्यमय सिलसिले से पार पाने के लिए तांत्रिकों को भी बुलाया. जिन्होंने 9 मार्च की शाम से घर में खास किस्म कर्मकांड की शुरुआत की, जो रात तीन बजे तक चलता रहा. लेकिन जैसे ही तांत्रिक गतिविधियां खत्म हुई, फौरन उसके बाद रात 3 बजे ही घर में फिर से आग लग गई.
पुलिस ने निराश है पीड़ित परिवार
इधर, जब स्थानीय पुलिस को इन तांत्रिकों के बारे में खबर मिली, तो उन्होंने अंधविश्वास फैलाने के जुर्म में तांत्रिकों को घर दबोच लिया. ऐसे में अब पीड़ित परिवार को लग रहा है कि उन्हें पुलिस की तरफ से कोई मदद तो नहीं मिल पा रही, ऊपर से परिवार की मदद के लिए आने वाले लोगों को पुलिस पकड़ ले रही है.
कब्र से निकाली गई मासूम बच्चे की लाश
इस रहस्यमयी मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस ने डीएम से इजाजत लेकर इस परिवार के छोटे बच्चे गर्वित की लाश को कब्र से खोद कर बाहर निकाल लिया है. और मेडिकल बोर्ड से उसका पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है, ताकि ये पता चल सके कि आखिर बच्चे की मौत कैसे हुई? क्या मौत के पीछे जहर या ऐसी ही कोई दूसरी बाहरी वजह रही? या फिर इसके पीछे की कहानी कुछ और है?
पुलिस को है दुश्मनी का शक
इस मामले की जांच में पुलिस ने सारे ऑप्शन खुले रखे हैं. यानी उसने परिवार से लेकर आस-पास के लोग, नाते रिश्तेदार, दोस्त-दुश्मन सभी को शक के दायरे में रखा है. पुलिस को शक है कि इसके पीछे किसी दुश्मन का हाथ हो सकता है, जो शायद भूप सिंह के परिवार से बदला लेना चाहता हो. परिवार के ही किसी रिश्तेदार का हाथ भी हो सकता है, जिसे इनकी मौत से या फिर इनके घर छोड़ कर चले जाने से फायदा हो या फिर इन वारदात के पीछे कोई घर का ही कोई सदस्य हो, जो बदले की भावना से जान ले रहा हो और आग लगा रहा हो.
साइंस या साजिश?
या फिर इस घटना के पीछे अंदरूनी मेंबर भी हो सकता है, जो किसी अफेयर के चलते ऐसी हरकत पर उतारू हो गया हो. ज़ाहिर है, जब तक तफ्तीश में गुनहगार का पता नहीं चल जाता, साजिश का रहस्य जस का तस बना हुआ है. अब अगर ये साजिश है, जो जिस तरह से घर में रखी चीज़ों में अपने-आप आग लग रही है, तो उसके पीछे की साइंस क्या है, ये जानना भी जरूरी है.
आग का खेल
क्या किसी चीज़ में रखी-रखी अपने आप आग लग सकती है? आपका जवाब शायद ना में हो. लेकिन इस दुनिया में कुछ चीज़ें या फिर यूं कहें कि कुछ रसायनिक तत्व ऐसे भी हैं, जो पानी और ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही जलने लगते हैं और दुनिया को लगता है कि आग अपने आप लग गई. अक्सर जादूगर खेल दिखाते हुए ऐसी चीज़ों का इस्तेमाल कर आग लगा देते हैं और हम भौंचक्के रह जाते हैं.
आग का केमिकल लोचा
मसलन, कैल्शियम पाउडर जिसे पायरो-फोरिक के नाम से भी जानते हैं, ये पानी या नम हवा के संपर्क में आते ही जलने लगता है. और तो और इसके इसी नेचर के चलते इससे विस्फोट का खतरा भी बना रहता है. इसी तरह सोडियम धातु भी पानी के संपर्क में आने से जलने लगती है. इसका छोटा सा टुकड़ा पानी में डालने पर भी वो जलने लगता है. इसके अलावा कई ऐसे केमिकल एजेंट हैं, जो आग पैदा करते हैं या फिर धुआं छोड़ते हैं. इनमें गाढ़ा गैसोलीन यानी नेपाम, थर्माइट, सफेद फास्फोरस और मैग्नेशियम शामिल है.
कौन है इसके पीछे?
ज़ाहिर है अगर चुरू के उस मकान में रह-रह कर अपने आप आग लग रही है, तो महज इत्तेफाक नहीं है. या तो कोई लोगों की नजर बचा कर आग लगा रहा है या फिर वो ऐसा कोई पदार्थ घर में छोड़ रहा है, जो नमी या ऑक्सीजन के संपर्क में आते ही जलने लगता है. इसकी सच्चाई जांच के बाद ही सामने आ सकती है.