Thursday, November 7, 2024
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Bihar Cabinet Ministers List: बिहार में कैबिनेट का विस्तार, BJP के छह विधायक पहली बार बने मंत्री, 21 नेताओं ने ली शपथ, पढ़ें लिस्ट

Bihar Cabinet Expansion: बिहार मंत्रिमंडल विस्तार के लिए राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने मंत्री पद की शपथ दिलाई.

Bihar Cabinet Expansion: बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद आज (15 मार्च) मंत्रिमंडल विस्तार किया गया. इसको लेकर लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. इस मंत्रिमंडल विस्तार में 21 मंत्रियों ने शपथ ली. राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया था. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने मंत्री पद की शपथ दिलाई. बीजेपी कोटे से बीजेपी 12 मंत्रियों ने शपथ ली और जेडीयू कोटे से नौ मंत्रियों ने शपथ ली. वहीं, बीजेपी के 12 मंत्रियों में 6 नये चेहरे को शामिल किया गया, जो आज पहली बार मंत्री पद की शपथ लिए.

बीजेपी कोटे से 12 मंत्रियों ने ली शपथ

मंगल पांडे ब्राह्मण जाति से आते हैं. 2012 से लगातार बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. 2013 से 2017 तक बिहार के बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. 2017 से 2022 तक बिहार के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं.
नीरज बबलू राजपूत जाति से आते हैं. सुपौल जिले के राघोपुर विधानसभा से पहली बार जेडीयू से 2005 में चुनाव लड़े और जीत हासिल की. 2010 में नए परिसीमन में उनका चुनावी क्षेत्र छातापुर रहा, जहां जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ कर जीते. 2015 और 2020 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े और दोनों बार जीत हासिल की. 9 फरवरी 2021 को उन्हें वन पर्यावरण मंत्री बनाया गया था.
नीतीश मिश्रा ब्राह्मण जाति से हैं और मधुबनी जिले के झंझारपुर विधानसभा से 2005 से लगातार जीतते आए हैं. 2015 में वह बीजेपी का दामन थाम लिए थे. हालांकि 2015 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2020 में फिर में जीत मिली. उनकी विधानसभा सीट उनके पिता पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की पारंपरिक सीट है जो 1977 से लगातार उनके परिवार के खाते में रहा है. नीतीश मिश्रा 2008 से 2015 तक लगातार बिहार सरकार के मंत्री रहे हैं. इस बीच उन्हें तीन विभाग भी मिले हैं.
नितिन नवीन कायस्थ जाति से आते हैं. बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय नवीन किशोर सिंह के बेटे हैं. उनके मृत्यु के बाद 2006 से नितिन नवीन लगातार बांकीपुर विधानसभा से विधायक बने हुए हैं. चार बार उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल की है. 2020 के चुनाव के बाद उन्हें पथ निर्माण मंत्री बनाया गया था.
जनक राम दलित समाज से आते हैं. गोपालगंज लोकसभा सीट से 2014 में चुनाव लड़कर जीत हासिल की. बीजेपी के काफी पुराने नेता रहे हैं. 2021 में विधान परिषद में पार्टी ने भेजा और इसके बाद खान एवं भूतत्व मंत्री का पदभार दिया गया था.
केदार प्रसाद गुप्ता वैश्य समाज के कानू जाति से आते हैं. पहली बार 2022 में कुढ़नी विधानसभा के उपचुनाव में जीते थे और जेडीयू प्रत्याशी अनिल साहनी को साढ़े तीन हजार वोटों से हाराए थे इन्हें पहली बार मंत्री बनाया जा रहा है.
हरि साहनी अति पिछड़ा के मलाह जाति से आते हैं. जुलाई 2022 में विधान परिषद के सदस्य हुए. दरभंगा से काफी पुराने बीजेपी के नेता रहे हैं. सम्राट चौधरी के बाद बीजेपी ने मुकेश साहनी के विकल्प के तौर पर आगे करके विधान परिषद का नेता प्रतिपक्ष बनाया था. पहली बार मंत्री पद की शपथ लिए.
कृष्णनंदन पासवान दलित समाज से आते हैं 2020 में हरसिद्धि विधानसभा से बीजेपी के टिकट पर जीत कर विधायक बने हैं. इससे पहले 2005 में और 2010 में भी हुए बिहार विधानसभा के सदस्य रहे हैं.
सुरेंद्र मेहता कुशवाहा जाति से आते हैं. 2020 में बेगूसराय जिले की बछवाड़ा विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत कर आए हैं. इससे पहले वह बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं.
संतोष सिंह सवर्ण समाज से आने वाले राजपूत जाति के हैं. लगातार दो बार रोहतास से निकाय प्रतिनिधियों के चुने गए विधान परिषद सदस्य रहे हैं. पहली बार उन्हें मंत्री पद की शपथ दिलाई गई.
रेणु देवी बेतिया विधानसभा से लगातार चार बार चुनाव जीती हैं. 2005 से अब तक वह चुनाव जीतते आई हैं. 2005 में उन्हें खेल मंत्री भी बनाया गया था. इसके बाद 2020 में उपमुख्यमंत्री के पद पर भी रही हैं. एक बार फिर वो मंत्री बनी हैं.
दिलीप जायसवाल बीजेपी के काफी पुराने नेता रहे हैं. वैश्य समाज से आते हैं. 2009 और 2015 में हुए स्थानीय निकाय प्राधिकरण चुनाव के तहत विधान परिषद के सदस्य रहे हैं. इसके बाद 2022 में भी विधान परिषद का चुनाव जीत कर विधानसभा परिषद के सदस्य बने. 2014 में बीजेपी ने उन्हें किशनगंज से लोकसभा से चुनाव भी लड़ने का मौका दिया था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था. पहली बार मंत्री पद की शपथ लेंगे.
जेडीयू कोटे से नौ चेहरे को किया गया शामिल

अशोक चौधरी दलित समाज पासी जाति से आते हैं. नीतीश कुमार के काफी करीबी नेता में से एक हैं. पहले वह कांग्रेस पार्टी में थे और 2005 में बरबीघा विधानसभा से चुनाव लड़कर जीत दर्ज की थी. 2013 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. 2014 से लगातार विधान परिषद के सदस्य बने हुए हैं. 2020 में उन्हें भवन निर्माण मंत्री बनाया गया था उससे पहले वह शिक्षा मंत्री भी रहे हैं.
लेसी सिंह सवर्ण समाज के राजपूत जाति से आती हैं. नीतीश कुमार के काफी करीबी और 2005 से लगातार अब तक पांचवीं बार पूर्णिया जिले के धमदाहा विधानसभा से विधायक रह चुकी हैं. 2020 में नीतीश कुमार ने उन्हें मंत्री बनाया था उससे पहले महिला आयोग की अध्यक्ष भी रही हैं.
महेश्वर हजारी दलित समाज के पासवान जाति से आते हैं. कल्याणपुर विधानसभा के विधायक हैं और नीतीश कुमार के काफी करीबी भी रहे हैं. 2015 में बिहार सरकार के मंत्री के रूप में कार्यरत रह चुके हैं. 2021 से 2024 तक बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष भी रहे हैं.
मदन सहनी मल्लाह जाति से आते हैं. विधान सभा के लिए तीन बार चुने जा चुके हैं. सहनी दरभंगा के बहादुरपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं. वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में समाज कल्यण विभाग के कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं.
रत्नेश सादा मुसहर जाति से आते हैं. सोनबरसा से विधायक हैं. उनकी क्षेत्र में मजबूत पकड़ है. 1987 से उन्होंने राजनीति सफर शुरू की थी. नीतीश कैबिनेट में एससी एसटी कल्याण मंत्री भी रह चुके हैं.
शीला मंडल धानुक समाज से आती हैं. वह फुलपरास सीट से बिहार विधानसभा की सदस्य हैं. नीतीश कैबिनेट में परिवहन मंत्री रह चुकी हैं.
जमा खान चैनपुर विधानसभा के नौघड़ा गांव के रहने वाले हैं. पठान समाज से आते हैं. 2020 में जमा खान बीएसपी के टिकट से चैनपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीते, लेकिन जीत के कुछ दिन बाद जेडीयू में शामिल हो गए. नीतीश कैबिनेट में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रह चुके हैं.
सुनील कुमार पूर्व पुलिस महानिदेशक रह चुके हैं. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू में शामिल हो गए. वह बिहार के भोरे सीट से चुनाव लड़कर जीते. मद्य निषेध व निबंधन मंत्री रह चुके हैं.
जयंत राज कुशवाहा समाज से आते हैं. वो अमरपुर विधानसभा से प्रतिनिधित्व करते हैं. जनार्दन मांझी ने साल 2020 में अपने बेटे जयंत राज को जेडीयू से टिकट दिलवाया था. जयंत राज नीतीश कैबिनेट में ग्रामीण कार्य मंत्री रह चुके हैं.

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