ऐसी स्थिति में जहां बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक रिकॉर्ड स्तर पर हैं और यहां तक कि सोना भी अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर के करीब है, निवेश का विकल्प चुनना आसान नहीं है. हाल के महीनों में बॉन्डों में भी तेजी आई है और रिटर्न में लगातार गिरावट आ रही है. ऐसे में इस समय एसेट अलोकेशन पर फैसला करना मुश्किल होता है. यही समय है जब मल्टी एसेट फंड काम में आते हैं.
रिस्क कम करते हैं ये फंड
मल्टी-एसेट फंड इक्विटी, डेट और सोने के मिश्रण वाले साधनों में निवेश करते हैं. ये फंड मामूली जोखिम वाले होते हैं और यहां तक कि बाजार में अनुभवी निवेशकों के लिए भी उपयुक्त हो सकते हैं. चूंकि ये फंड कई एसेट क्लास में फंड एलोकेट करते हैं, इनके साथ इन्वेस्टर्स को डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलता है और उनके लिए रिस्क कम से कम हो जाता है.
इस फंड का रिटर्न शानदार
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मल्टी-एसेट फंड निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि पिछले 20 से अधिक वर्षों में इसका प्रदर्शन लगातार अच्छा रहा है. पिछले पांच-सात सालों में इसका ट्रैक रिकॉर्ड विशेष रूप से मजबूत है. पिछले एक साल में, इसने पॉइंट-टू-पॉइंट आधार पर लगभग 32 फीसदी रिटर्न दिया है. जनवरी 2013 से मार्च, 2024 के बीच 3 से 10 साल की अवधि में इसने सालाना चक्रवृद्धि के साथ लगभग 17-24 फीसदी रिटर्न दिया है.
मल्टी एसेट फंड गहन मूल्यांकन आधारित दृष्टिकोण का पालन करता है. इसलिए, जब इक्विटी बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल होता है और तो फंड तुरंत स्टॉक में निवेश को कम कर देता है. पिछले कुछ वर्षों में यह इस पहलू पर अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम रहा है. जब जनवरी-मार्च 2023 के दौरान बाजार में गिरावट आई, तो फंड ने शुद्ध इक्विटी एक्सपोजर (डेरिवेटिव सहित) को 61.9 फीसदी के स्तर से बढ़ाकर मार्च 2023 में 68.6 फीसदी कर दिया.
इस तरह से डायवर्स
जनवरी में इस मल्टी एसेट फंड का इक्विटी में निवेश 66.42 फीसदी रहा है. उसके पोर्टफालियो में 10.5 फीसदी ईटीसीडी, सोना और चांदी ईटीएफ तथा 27.6 फीसदी डेट, मुख्य रूप से सावधि जमा, सरकारी और कॉरपोरेट प्रतिभूतियां हैं. अधिकांश डेट एक्सपोजर ऐसी प्रतिभूतियों में है, जिनकी क्रेडिट रेटिंग सबसे अधिक है.
ज्यादातर लार्ज कैप में निवेश
इस मल्टी एसेट का इक्विटी एक्सपोजर विभिन्न शेयरों में काफी फैला हुआ है और निफ्टी 100 बास्केट में ज्यादातर लार्ज-कैप हैं, जिनमें मिड-कैप में भी कुछ हल्के एक्सपोजर शामिल हैं. सेक्टर पर आधारित विकल्पों में काफी हद तक स्थिरता है, जिनमें बैंक, ऑटोमोबाइल, वित्तीय सेवाएं और आईटी मुख्य हिस्सेदारी रखते हैं.