Suresh Pachauri Joins BJP: सुरेश पचौरी के कांग्रेस में कद का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने उन्हें तीन बार राज्यसभा भेजा. अब बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के नेतृत्व से परेशान होकर उन्होंने बीजेपी जॉइन की.
Suresh Pachauri Joins BJP: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक बार फिर से झटका लगा है. गांधी परिवार के करीबी व पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और पूर्व सांसद गजेन्द्र सिंह ने कांग्रेस से किनारा कर भाजपा का दामन थाम लिया है. सीएम डॉ. मोहन यादव और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काग्रेंस के नेताओं को बीजेपी की सदस्यता दिलाई है.
कांग्रेस ने तीन बार भेजा राज्यसभा
तत्कालीन कांग्रेस नेता सुरेश पचौरी कांग्रेस में कद का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने उन्हें तीन बार राज्यसभा भेजा है, वे पहली बार 1990-96 तक राज्यसभा सदस्य रहे, जबकि दूसरी बार 1996-2002 और तीसरी बार 2002 से 2008 तक. वे दो बार केन्द्रीय मंत्री रहे. युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सहित में कांग्रेस के भी वे प्रदेश अध्यक्ष रहे.
सुरेश पचौरी का राजनीतिक कार्यकाल
बता दें सुरेश पचौरी कांग्रेस के दिग्गज नेता और गांधी परिवार के करीबी माने जाते हैं. पचौरी वर्ष 1981-83 में ही मप्र युवा कांग्रेस के महासचिव बन गए थे, जबकि 1984-85 में मप्र युवा कांग्रेस के अध्यक्ष, 1985-88 तक भारतीय युवा कांग्रेस के महासचिव, 1984-90 राज्यसभा सदस्य. 1990 में गृह एवं रक्षा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य, 1990-96 राज्यसभा सदस्य, 1995-96 में केन्द्रीय रक्षा उत्पादन राज्य मंत्री, 1996-2002 में राज्यसभा सदस्य, वर्ष 2000 में राज्यसभा के उपाध्यक्ष (पैनल), 2002-2008 में राज्यसभा सदस्य, 2004 में मुख्य सचेतक राज्यसभा, 2004-2008 तक कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन और संसदीय कार्य मंत्रालय में केन्द्रीय राज्यसभा, 2008-2011 में मप्र कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं.
‘कांग्रेस के सभी अच्छे नेता बीजेपी में हो रहे शामिल’
शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के नेतृत्व को दिशाहीन बताते हुए कहा, ‘महात्मा गांधी ने आज़ादी के बाद यह कहा था कि कांग्रेस आज़ादी का आंदोलन था, अब स्वतंत्रता मिल गई है तो कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए. अब नए दलों का गठन होना चाहिए. लेकिन पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सत्ता के स्वार्थ के कारण कांग्रेस को भंग नहीं होने दिया और आंदोलन की राजनीतिक लाभ उठाया.’
शिवराज सिंह चौहान ने आगे कहा, ‘ जवाहरलाल नेहरू ने महात्मा गांधी की इच्छा पूरी नहीं की, लेकिन राहुल गांधी इस इच्छा को पूरा कर के ही चैन की सांस लेंगे. एक-एक कर के कांग्रेस के नेतृत्व से परेशान होकर उनके अच्छे नेता बीजेपी जॉइन कर लेंगे.’