Himachal Rajya Sabha Election: हिमाचल में सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार के सामने संकट के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं. क्रॉस वोटिंग के चलते राज्यसभा का चुनाव दिलचस्प हो गया है.
Himachal Pradesh Politics: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार संकट में आ गई है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के छह विधायक संपर्क में नहीं हैं. कांग्रेस इन छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है. टॉप सोर्स ने बताया कि राज्यसभा चुनाव की वोटिंग के बाद कांग्रेस के विधायकों की एक अनौपचारिक बैठक हुई, जिसमें 34 विधायक ही शामिल हुए. राज्य में कांग्रेस के कुल 40 विधायक हैं. सूत्रों ने यहां तक बताया कि ये छह विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. इसके साथ ही तीन और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर कुल नौ वोट बीजेपी के पाले में गए हैं. ऐसे में राज्यसभा चुनाव में वोटिंग का आंकड़ा 34-34 पर बराबर लग रहा है.
पहली बार के विधायक चैतन्य शर्मा का भी नाम शामिल
पार्टी के संपर्क से बाहर जा चुके विधायकों में पहली बार के एमएलए चैतन्य शर्मा भी शामिल हैं. इसके साथ ही इसमें सुधीर शर्मा का नाम भी शामिल है जो चार बार के विधायक हैं. माना जा रहा है कि सुक्खू सरकार में सुधीर शर्मा को वो जगह नहीं मिली जो वो चाहते थे.
हिमाचल में कांग्रेस विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग! चुनाव में दोनों प्रत्याशियों को पड़े बराबर वोट तो क्या होगा?
हिमाचल में क्या है बहुमत का गणित?
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 35 हो जाता है. ऐसे में 34 के आंकड़ों के हिसाब से राज्य की कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है. अगर एंटी पार्टी एक्टिविटी के तहत कांग्रेस इन छह विधायकों की सदस्यता रद्द कर देती है तो संख्या 68 से घट जाएगी. इसके बाद भी कांग्रेस के पास बहुमत रहेगा. कांग्रेस के टॉप सूत्रों की मानें तो ये छह विधायक पार्टी से नाराज नहीं हैं बल्कि उनकी नाराजगी सीएम सुक्खू से है.
बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतारा. वहीं, बीजेपी ने हर्ष महाजन को टिकट दिया. हर्ष महाजन कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. खबर लिखे जाने तक वोटों की गिनती शुरू नहीं हो पाई थी.
हिमाचल में कांग्रेस विधायकों ने की क्रॉस वोटिंग! चुनाव में दोनों प्रत्याशियों को पड़े बराबर वोट तो क्या होगा?
हिमाचल में क्या है बहुमत का गणित?
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 35 हो जाता है. ऐसे में 34 के आंकड़ों के हिसाब से राज्य की कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं है. अगर एंटी पार्टी एक्टिविटी के तहत कांग्रेस इन छह विधायकों की सदस्यता रद्द कर देती है तो संख्या 68 से घट जाएगी. इसके बाद भी कांग्रेस के पास बहुमत रहेगा. कांग्रेस के टॉप सूत्रों की मानें तो ये छह विधायक पार्टी से नाराज नहीं हैं बल्कि उनकी नाराजगी सीएम सुक्खू से है.
बता दें कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभिषेक मनु सिंघवी को मैदान में उतारा. वहीं, बीजेपी ने हर्ष महाजन को टिकट दिया. हर्ष महाजन कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. खबर लिखे जाने तक वोटों की गिनती शुरू नहीं हो पाई थी.