Farmers Gramin Bharat Band Latest News: एमएसपी समेत कई अन्य मांगों को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज ‘ग्रामीण भारत बंद’ सुबह 6 से शाम 4 बजे तक रहेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आज (16 फरवरी) ‘ग्रामीण भारत बंद’ बुलाया गया है. इसके तहत देश के किसान-मजदूरों से अपील की गई है कि आज अपने काम को पूरी तरह बंद रखें. आइए जानते हैं क्यों और किसने बुलाया है ये बंद और किन-किन चीजों पर पड़ेगा इसका असर.
क्या रहेगी बंद की टाइमिंग?
यह बंद सुबह 6 से शाम 4 बजे तक रहेगा. इसके बाद शनिवार (17 फरवरी) को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी के किसान संगठन प्रतिनिधियों की एक बैठक सिसौली में होगी. यहां आगे के आंदोलन को लेकर फैसला किया जाएगा.
बंदी का दायरा, कहां कहां?
वैसे तो इस बंद को ग्रामीण भारत बंद का नाम दिया गया है, लेकिन इसका असर शहरी इलाकों में भी पड़ सकता है. दरअसल, किसानों ने अपने इस बंद के दौरान कई घंटे तक हाइवे और एक्सप्रेसवे बंद रखने की भी बात कही है. इससे शहरी इलाकों से जुड़ी कई चीजें प्रभावित हो सकती हैं. संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि, बंद के दौरान सब्जियों व अन्य फसलों की सप्लाई व खरीद भी स्थगित रहेगी. बंद के समय के दौरान शहरों में भी दुकानें व संस्थान बंद रहने की बात कही जा रही है.
क्या खुला रहेगा?
बताया गया है कि बंद के दौरान एंबुलेंस, मृत्यु, शादी, मेडिकल दुकानें, अखबारों की सप्लाई, बोर्ड परीक्षाएं, हवाई अड्डों तक यात्रा जैसी इमरजेंसी व जरूरी सेवाएं खुली रहेंगी.
क्या बंद रहेगा?
इस बंद के दौरान कारण परिवहन, कृषि गतिविधियां, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) ग्रामीण कार्य, निजी कार्यालय, गांव की दुकानें और ग्रामीण औद्योगिक और सर्विस सेक्टर के संस्थान बंद रहेंगे. इसके अलावा अलग-अलग राज्यों में रोडवेज बसों और हाइवे को भी कुछ घंटों के लिए बंद ऱखने का दावा किया जा रहा है.
क्यों और किसने बुलाया?
इस बंद को संयुक्त किसान मोर्चा, अन्य किसान संगठनों और कई ट्रेड यूनियनों ने मिलकर बुलाया है. इस बंद को बुलाने के पीछे किसानों की कई मांगें हैं. इनमें सबसे अहम मांग एमएसपी को लेकर है. किसान अधिक बिजली बिल को भी कम करने की मांग कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें गन्ने के लिए उचित भुगतान नहीं मिल रहा है और बकाया भुगतान जल्द से जल्द किया जाना चाहिए. डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कमी की मांग भी किसान कर रहे हैं. इसके अलावा किसान मनरेगा को मजबूत करने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने और औपचारिक व अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों में सभी श्रमिकों के लिए पेंशन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की भी मांग कर रहे हैं.