राजस्थान बजट पेश होने की शुरुआत ही सदन में हंगामे के साथ हुई. वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट पेश करने से पहले पिछली सरकार पर जमकर आरोप लगाए. जिसके बाद सदन में हंगामा शुरु हो गया.
राजस्थान की उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दीया कुमारी (Diya kumari) ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में लेखानुदान (अंतरिम बजट) पेश करना शुरू किया. वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट जुलाई में पेश किया जाएगा. संविधान के अनुच्छेद 116 के तहत बजट स्वीकृत होने तक सीमित अवधि के लिए आवश्यक सरकारी व्यय को पूरा करने के लिए लेखानुदान प्रस्तुत किया जाता है. यह कुल अनुमान के छठे हिस्से के बराबर राशि पर कुछ महीनों के लिए प्रदान किया जाता है. राजस्थान की वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में विधानसभा क्षेत्रों में स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों की स्थापना, उन्नयन के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया है.
- कर्मचारियों को डीपीसी में 2 वर्ष की छूट मिलेगी.
- पेंशनधारक को घर से ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट सबमिट करने की व्यवस्था की जाएगी.
- वर्तमान में बुजुर्गों को को दी जा रही 30% किराए की छूट को 50% करने का प्रस्ताव.
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए 1800 करोड रुपए का प्रावधान. पेंशन 1000 से बढ़कर 1150 रुपए की जाएगी. ₹100 महीना प्रीमियम देने पर 60 साल की आयु के बाद 2000 महीना पेंशन मिलेगी.
- सरकार द्वारा लगाए आरोपों से विपक्ष भड़के नजर आए. वित्त मंत्री दीया कुमारी ने सदन में लेखा अनुदान प्रस्तुत करते हुए कहा कि बिना किसी प्लानिंग के बिना किसी आर्थिक नीतियों के राजनीतिक दृष्टिकोण के वजह से घोषणाएं कर दी गई. इसी का परिणाम है इसलिए आप वहां बैठे हैं और आपको जनता ने जवाब दे दिया है. इस पर विपक्ष के सदस्य हंगामा करते हुए नजर आए. इस पर दीया कुमारी ने कहा कि अभी शुरुआत है, आगे आगे देखिये
- वित्त मंत्री दीया कुमारी ने कहा पिछली सरकार के कुप्रबंधन,भ्रष्टाचार तुष्टिकरण की नीतियों की वजह से प्रदेश की स्थिति चिंताजनक है. इन चिंतापूर्ण परिस्थितियों से नई सरकार मुकाबला करेगी. पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के साथ राज्य को विकास के मार्ग पर लेकर जाएंगे. राजस्थान को विकसित सशक्त प्रदेश बनाने के लिए किसी संसाधनों की कमी नहीं आने दी जाएगी क्यूंकि अब राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है.
- दीया कुमारी ने कहा कि बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य पर फोकस किया जाएगा.
- गरीब परिवारों को अभी साढ़े चार सौ में सिलिंडर दिया जा रहा है. इससे 73 लाख परिवार राहत में हैं. साथ ही अब अन्नपूर्णा रसोई के माध्यम से अब छह सौ ग्राम भोजन दिया जाएगा. राजकीय सहायता राशि प्रति थाली 17 से बढ़ाकर 22 रुपए कर दी गई है.
- सड़कों के लिए पंद्रह सौ करोड़ रुपए की घोषणा की गई.
- लाडपुरा, नसीरावाद, डग, गोमुंडा, मालपुरा में कोई योजना लागू नहीं हुई थी. इस वजह से इन इलाकों में अस्पताल, कॉलेज, स्कूल खोलने के लिए एक हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- जलजीवक मिशन में राजस्थान का 33वां स्थान था. जब इस पर गड़बड़ी का जिक्र दिया कुमारी ने किया तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. इसपर दिया कुमारी नाराज हो गईं.
- अपने बजट में दिया कुमारी ने जयपुर मेट्रो विस्तार की घोषणा की. उन्होंने बताया कि नए रूट के लिए डीपीआर को मंजूरी दी गई है. सीतापुर से विद्यानगर के बीच का रूट भी फाइनल किया गया.
- जोधपुर, जयपुर और कोटा में पांच सौ इलेक्ट्रिक बसों के चलाए जाने की भी घोषणा की गई.
- किसानों के लिए भी कई घोषणाएं की गई. इसमें दो हजार करोड़ रुपये का राजस्थान एग्रीकल्चर कोष बनाया जाएगा. किसानों के लिए वर्मी कम्पोस्ट, फूडपार्क और हॉर्टिकल्चर हब बनाए जाने की घोषणा की गई.
- किसानों को मुफ्त में बीज बांटे जायेंगे.
- राजस्थान के किसानों को गोपाल क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा. इसके पहले फेज में पांच लाख गौ पलकों को कर्ज दिया जाएगा. हर गौ पालक को एक लाख का कर्ज दिया जाएगा.
- बिजली कंपनियों का ऋण भार 139000 करोड़ का हो गया है. प्रदेश में महंगी बिजली एक्सचेंज से क्रय करनी पड़ रही है. 8 लाख मेगावाट से अधिक उत्पादन होने के बाद भी महंगी बिजली लेनी पड़ रही है. अभी उत्पादन इकाइयों की 55% क्षमता से ही उत्पादन हो रहा. 3700 करोड़ की अतिरिक्त बिजली एक्सचेंज से खरीदनी पड़ रही है. इस मामले में ऊर्जा मंत्रालय के निर्देशों से काम काम किया जाएगा.
- पेपरलीक को लेकर भी दिया कुमारी ने कहा कि पिछली सरकार ने युवाओं से खिलवाड़ किया. अब नई सरकार पेपरलीक के दोषियों को कड़ी सजा देगी. हर जिले में रोजगार मेला लगाया जाएगा. और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम आयोजित किये जायेंगे.
- बीस हजार युवाओं को गाइड हॉस्पिटैलिटी की ट्रेनिंग दी जाएगी. साथ ही अल्प आय, सीमांत किसान के बच्चों को केजी से पीजी की शिक्षा मुफ्त दी जाएगी.
- पहली से आठवीं के स्टूडेंट्स और नौंवी से बारहवीं के स्टूडेंट्स को एक हजार रुपए दिए जायेंगे. इससे करीब सत्तर लाख बच्चों को मदद मिलेगी.