उत्तर प्रदेश के बलिया की एक महिला कांस्टेबल की सोशल मीडिया रील्स चर्चा में बनी हुईं हैं. इन रील्स में महिला कांस्टेबल खाकी वर्दी पहनकर कभी शेरो- शायरी करती हुई तो कभी बॉलीवुड सुपरहिट गानों पर नाचती नजर आ रहीं हैं.
अभिषेक राय
मऊ/ बलिया. जिले के रसड़ा सीओ कार्यालय में सीओ पेशी के पद पर तैनात महिला कांस्टेबल काजल सिंह चर्चा में आ गईं हैं. सोशल मीडिया में कथित तौर पर काजल के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं. इनमें कभी वह शेरो शायरी सुनाती हुई तो कभी बॉलीवुड गानों पर नाचती नजर आ रही हैं. सोशल मीडिया और रील्स की दीवानगी ऐसी है कि महिला कांस्टेबल अपने ही विभाग के नियम कायदे भूल बैठीं हैं. उन्होंने जो वीडियो सोशल मीडिया में पोस्ट किए हैं; उनमें वे खाकी वर्दी में नजर आ रही हैं. दरअसल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस की गरिमा को बनाए रखने के निर्देश दिए थे.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि पुलिस कर्मी खास तौर पर सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी से करें. ऐसी कोई भी पोस्ट जो आपत्तिजनक होगी तो उस पर कड़ी कार्रवाई होगी. उन्होंने पुलिस कर्मियों को अपनी ड्यूटी पर ध्यान देने को कहा था. इसी तरह उत्तर प्रदेश के डीजी ने भी साफ निर्देश दिए थे कि पुलिस कर्मियों का व्यवहार सोशल मीडिया पर गरिमा के अनुकूल हो. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि पुलिस कर्मियों को खाकी वर्दी का सम्मान बनाए रखना है. वर्दी पहनकर किसी भी प्रकार का वीडियो न तो बनाना है और न ही शेयर करना है.
इंस्टाग्राम पर बनाया अकाउंट और पोस्ट किए कई वीडियोज
सूत्रों ने बताया है कि महिला सिपाही काजल सिंह के नाम से Singh-Kajal 1213 की आईडी से इंस्टाग्राम पर अकाउंट है. महिला सिपाही ने खाकी वर्दी में कई सारे वीडियो और रील्स आदि बनाकर अपलोड की है. इन वीडियो के वायरल हो जाने के बाद बताया जा रहा है कि ये पुराने वीडियो है. सरकारी जानकारी के अनुसार इस महिला सिपाही की नियुक्ति साल 2021 में हुई है.
2017 में जारी हुए थे निर्देश, वर्दी में रील्स-वीडियो बनाने पर है रोक
जाहिर सी बात है कि वर्दी में वीडियो व रील्स वर्दी पाने के बाद की ही होंगी. गौरतलब है कि पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के परिपत्र संख्या 08/2017 में पुलिसकर्मियों के लिए सोशल मीडिया पॉलिसी संबंधित निर्देश दिए गए थे. इसी का हवाला देते हुए पुन: पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के परिपत्र संख्या 53/2018 जारी हुआ था. इसमें साफ तौर पर पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया गया था कि वर्दी में रील्स और वीडियो ना बनाएं. इसके बाद साल 2023 में यह आदेश पुन: पारित हुआ था.