Budget 2024: बजट जिन्हें कर गया मायूस! नहीं बढ़ी किसान सम्मान निधि, टैक्स जस का तस, 8वां वेतन आयोग भी सपना ही रहा
Interim Budget 2024: टैक्सपेयर्स से लेकर किसानों और सरकारी कर्मचारियों को उम्मीद थी कि लोकसभा चुनावों से पहले पेश हुए अंतरिम बजट में मोदी सरकार उन्हें खुशखबरी देगी पर इन लोगों को निराशा हाथ लगी है.
Budget 2024: लोकसभा चुनावों से ठीक दो महीने पहले मोदी सरकार का अंतरिम बजट कई लोगों के लिए मायूसी की खबर लेकर आया है. ये उम्मीद की जा रही थी कि जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करने के लिए अपना बही खाता खोलेंगी तो उसमें किसानों को सौगात मिलेगी. टैक्स के मोर्चे पर टैक्सपेयर्स को राहत दी जाएगी. साथ ही सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी का एलान होगा, पर सभी की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
11 लाख किसान हुए निराश!
2019 में लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लॉन्च करने की घोषणा की थी. इस योजना में छोटे किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में सालाना 6000 रुपये दिए जाते हैं, जिससे उन्हें डीजल, खाद और बीज के खर्चों में राहत मिल सके. बीजेपी को 2019 के लोकसभा चुनाव समेत कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में इस योजना का जबरदस्त लाभ मिला.
ये उम्मीद थी कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना की रकम में बढ़ोतरी करेगी. पिछले पांच सालों में फसलों पर किसानों की लागत बढ़ी है. किसानों को डीजल और बीज पर 5 साल के मुकाबले ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ रहा है. अब 11 करोड़ किसानों की उम्मीदों पर मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में पानी फेर दिया है. पीएम किसान निधि के तहत दिए जाने वाली रकम में कोई इजाफा नहीं किया गया है.
टैक्सपेयर्स भी हैं मायूस!
निर्मला सीतारमण के अंतरिम बजट से टैक्सपेयर्स और खासतौर से सैलरीड क्लास भी बेहद निराश हैं. टैक्सपेयर्स को ये उम्मीद थी कि सरकार टैक्स के बोझ को कम करेगी. मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तीन गुना उछाल देखने को मिला है. सीबीडीटी के मुताबिक 2013-14 में कुल 5,26,44,496 टैक्सपेयर्स थे जिनकी संख्या 2022-23 में बढ़कर 9,37,76,869 हो गई है. पर इस सब के बावजूद सरकार ने तो ना स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिमिट को बढ़ाया और ना इनकम टैक्स छूट की लिमिट में कोई बढ़ोतरी की. नए इनकम टैक्स रिजीम को और आकर्षक बनाने के लिए भी बजट में कोई घोषणा नहीं की गई है जिससे टैक्सपेयर्स निराश हैं.
8वां वेतन आयोग रह गया सपना
मोदी सरकार के अंतरिम बजट से सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स भी बेहद मायूस हैं, जिन्हें उम्मीद थी कि 8वें वेतन आयोग के गठन करने की घोषणा बजट में की जाएगी. एक जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाना है. नए वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिए 18 महीने का समय चाहिए होता है. केंद्र सरकार के 1.17 करोड़ कर्मचारियों पेंशनर्स के अलावा ऑल इंडिया सर्विसेज, केंद्र शाषित प्रदेश, इंडियन ऑडिट एंड अकाउंट्स डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी, रेग्यूलेटरी अथॉरिटी से जुड़े कर्मचारी अधिकारी, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारी कर्मचारी और डिफेंस फोर्सेज से जुड़े पर्सनल्स के वेतन, भत्तों, रैंक स्ट्रक्चर और पेंशन को लेकर वेतन आयोग अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपती है. 8वें वेतन आयोग के गठन का समय आ चुका है इसके बावजूद मोदी सरकार ने वेतन आयोग बनाने के अब तक संकेत नहीं दिए हैं. जिससे इन लोगों में भी रोष है.