Bihar News: नीतीश कुमार ने 28 जनवरी को सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कहा था- इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था. हम काम कर रहे थे. सभी को साथ ला रहे थे. बाकी लोग काम नहीं कर रहे थे.
बिहार में रविवार (28) जनवरी को बदली सियासी तस्वीर के बाद से इंडिया ब्लॉक के भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं. नीतीश कुमार के एनडीए में वापस आने के बाद से बीजेपी लगातार कांग्रेस और इंडिया गठबंधन पर हमलावर हो रही है. बीजेपी का कहना है कि जब इंडिया गठबंधन की नींव रखने वाले नीतीश कुमार का ही वहां सम्मान नहीं हुआ और वह उनसे अलग हुए तो गठबंधन की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है.
हर कोई ये जवाब तलाशने में लगा है कि आखिरकार नीतीश कुमार के साथ ऐसा क्या हुआ जो उन्होंने उसी बीजेपी से हाथ मिला लिया जिसके खिलाफ लड़ने के लिए इंडिया गठबंधन की पहल की थी. इस सवाल का जवाब 13 जनवरी से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है. कई राजनीतिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि 13 जनवरी को हुई इंडिया गठबंधन की वर्चुअल मीटिंग से ही इस खटास की नींव पड़ी थी.
सूत्रों के मुताबिक, 13 जनवरी को इंडिया गठबंधन की वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एक मीटिंग हुई थी. इस बैठक में नीतीश कुमार सीट शेयरिंग नहीं होने पर पहले से ही नाराज थे. नीतीश के नाम का ऐलान संयोजक के रूप में होना था, लेकिन राहुल गांधी ने कहा था कि ममता बनर्जी इस बैठक में नहीं हैं और संयोजक का फैसला उनसे सलाह कर बताएंगे. चर्चा है कि राहुल गांधी की इसी बात से नीतीश कुमार नाराज हो गए. सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार महज 10 मिनट में ही मीटिंग छोड़कर बाहर निकल गए थे. इसके कुछ दिन बाद उन्होंने INDIA ब्लॉक छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया और फिर से बिहार के सीएम बन गए.
नीतीश कुमार ने रविवार (28 जनवरी) को आरजेडी से रिश्ता तोड़ने और सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद कहा था कि, इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था. इंडिया गठबंधन में हम काम कर रहे थे. सभी को साथ ला रहे थे. बाकी लोग काम नहीं कर रहे थे. गठबंधन की स्थिति ठीक नहीं थी. नीतीश ने कहा था, बीच में हमने बोलना बंद कर दिया था. हम देख रहे थे, सबकी राय ली, चारों तरफ से राय आ रही थी. हमने सब लोगों की बात सुन ली और सरकार को समाप्त कर दिया.