AAP: आम आदमी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन फिर भी वह हरियाणा विधानसभा चुनाव अकेले लड़ना चाहती है. इसकी वजह से इंडिया गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठ रहे हैं.
आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार (28 जनवरी) को बड़ा एलान किया. केजरीवाल ने घोषणा की है कि आप हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने वाली है. उन्होंने कहा कि हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर पार्टी भले ही अकेले चुनाव लड़ेगी, लेकिन इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरा जाएगा. केजरीवाल के एलान ने सभी को हैरान कर दिया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से इस तरह की घोषणा ऐसे समय पर की गई है, जब पंजाब में पार्टी अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान कर चुकी है. सिर्फ इतना ही नहीं, बल्कि इंडिया गठबंधन को झटका देते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी भी पश्चिम बंगाल में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ेंगी. बिहार में नीतीश कुमार की जेडीयू भी इंडिया गठबंधन से बाहर हो गई है. हालांकि, केजरीवाल ने हरियाणा में लोकसभा चुनाव के लिए दरवाजे खुले रखे हैं.
हरियाणा के जींद में आप के ‘बदलाव जनसभा’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘आज लोगों को सिर्फ एक ही पार्टी पर भरोसा है, वह है आम आदमी पार्टी. एक तरफ उन्हें पंजाब दिखता है और दूसरी तरफ दिल्ली में हमारी सरकार. आज हरियाणा एक बड़ा परिवर्तन चाह रहा है. पहले दिल्ली और पंजाब में लोगों ने ये बड़ा बदलाव किया और अब वहां लोग खुश हैं. आप सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और हम हरियाणा में अगली सरकार बनाएंगे. इसे देश का नंबर 1 राज्य बनाएंगे.’
केजरीवाल के हरियाणा विधानसभा चुनाव में अकेले लड़ने के एलान ने इंडिया गठबंधन के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. एक तरफ गठबंधन सभी राज्यों में एकजुट होने की कोशिश कर रहा है, तो दूसरी तरफ इसमें शामिल दल एक-एक करके उससे अलग होते जा रहे हैं. पश्चिम बंगाल उन पहले राज्यों में से है, जहां इंडिया गठबंधन में शामिल टीएमसी ने सभी सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया. टीएमसी ने ये जरूर कहा है कि वह बाकी राज्यों में गठबंधन के साथ है.
पश्चिम बंगाल के बाद पंजाब में भी आप एलान कर चुकी है कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करने वाली है. पार्टी का कहना है कि 2024 लोकसभा चुनाव में सभी 13 सीटों पर वह अकेले लड़ने वाली है. बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और यहां पर भी गठबंधन में दरार पड़ गई. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू इंडिया से बाहर हो गई है. इस वजह से अब इंडिया गठबंधन के लिए बिहार में लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन काफी मुश्किल होने वाला है.