Thursday, November 7, 2024
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‘राम आग नहीं, ऊर्जा’, प्राण प्रतिष्ठा के बाद बोले PM मोदी- कुछ तो कमी रही होगी जो…; यहां पढ़ें संबोधन की बड़ी बातें

Ayodhya Ram Mandir Inauguration: पीएम मोदी ने कहा कि आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की चर्चा करेंगे.

Ayodhya Ram Mandir Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि राम आग नहीं ऊर्जा हैं. वह विवाद नहीं समाधान हैं. वह वर्तमान नहीं अनंतकाल हैं. वह भारत के आधार भी हैं और विचार भी हैं. ये बातें सोमवार (22 जनवरी, 2024) को उन्होंने यूपी के अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कहीं.

यूपी के वाराणसी से भाजपा सांसद ने आगे कहा- यही समय है, सही समय है. आज से इस समय तक अगले 1000 साल तक की नींव रखनी है. मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर सभी देशवाशी भव्य और दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं. राम के विचार मानस के साथ जनमानस में भी हों, यह राष्ट्रनिर्माण की सीढ़ी है. आज के युग की मांग है कि हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा. हनुमान की भक्ति, सेवा और समर्पण को हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता. हर भारतीय में ये गुण निहित हैं. यही देव से देश और राम से राष्ट्र का आधार बनेंगे.

“Ram अब टेंट में नहीं रहेंगे. आज का सूरज अद्भुत आभा लेकर आया…”

बीजेपी के फायरब्रांड नेता ने राम मंदिर परिसर में संबोधन की शुरुआत “सियावर रामचंद्र की जय” के साथ किया. उन्होंने कहा, “आज हमारे राम आ गए. सदियों की प्रतीक्षा के बाद आज हमारे राम आ गए. यह पल पवित्रतम है. यह माहौल, यह वातारण, यह ऊर्जा, यह घड़ी प्रभु श्रीराम का हम सब पर आशीर्वाद है. कितना कुछ कहने को है पर कंठ (गला) अवरुक्त है. मैं अभी गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर सबके सामने उपस्थित हुआ हूं. अब हमारे रामलला टेंट में नहीं रहेंगे. वह इस दिव्य मंदिर में रहेंगे. 22 जनवरी 2024 का यह सूर्य एक अद्भुत आभा लेकर आया है. आज की तारीख कैलेंडर पर लिखी डेट नहीं यह एक नए कालचक्र का उद्गम है.”

कुछ तो कमी रही होगी जो यह काम इतनी सदियों तक न हो पाया- PM

पीएम मोदी ने आगे कहा, “मैं प्रभु राम से क्षमा भी मांगना चाहता हूं…हमारे त्याग और पुरुषार्थ में कुछ तो कमी रह गई जो हम इतनी सदियों तक यह काम कर नहीं पाए. आज वह कमी पूरी हो गई. मुझे विश्वास है कि प्रभु मुझे अवश्य माफ करेंगे.” वह आगे यह भी बोले कि जहां राम का काम होता है, वहां हनुमान भी होते हैं. यही वजह है कि मैं हनुमानगढ़ी को भी प्रणाम करता हूं. मैं उनके अलावा और देवताओं और अयोध्यापुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं. मैं इस वक्त दैवीय अनुभव कर रहा हूं जिनके महान आशीर्वाद से यह काम पूरा हुआ है.

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