- मुख्यमंत्री भगवंत मान के फ्लैगशिप प्रोजैक्ट ‘सडक़ सुरक्षा फोर्स’ की शुरुआत के साथ मृत्यु दर में तेज़ी से कमी आने की संभावना: डीजीपी गौरव यादव
- पंजाब पुलिस द्वारा पंजाब सडक़ हादसे और ट्रैफिक़ की सालाना रिपोर्ट-2022 लॉन्च
- डीजीपी पंजाब ने लोगों को पंजाब की सडक़ों को सुरक्षित बनाने के लिए सडक़ सुरक्षा नियमों की पालना करने की अपील की
- किताब में पंजाब में सडक़ हादसों, ट्रैफिक़ उल्लंघनाओं और सडक़ सुरक्षा उपायों का गहरा विश्लेषण शामिल: एडीजीपी ट्रैफिक़ ए.एस. राए
- साल 2022 में शाम 6 बजे से रात 9 बजे के दरमियान सबसे अधिक सडक़ हादसों में मौतें हुईं: डायरैक्टर पी.आर.एस.टी.आर.सी. नवदीप असीजा चंडीगढ़, 29 दिसंबर: सडक़ सुरक्षा सम्बन्धी मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की प्रगतिशील सोच के अंतर्गत पंजाब में साल 2021 के मुकाबले 2022 के दौरान सडक़ हादसों में होने वाली मौतों में 0.24 फीसदी की कमी आई है। यह जानकारी आज यहाँ डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव ने दी। जि़क्रयोग्य है कि साल 2022 में पंजाब में सडक़ हादसों में 4578 मौतें दर्ज की गई थीं।
राज्य में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों में आई यह महत्वपूर्ण गिरावट देश व्यापक रुझान, जिसके दौरान 2022 में सडक़ मौतों में 9.4 प्रतिशत का वृद्धि हुई, के बिल्कुल उलट है, जिसके नतीजे के तौर पर भारत में सडक़ हादसों में कुल 1,68,491 मौतें हुईं।
पंजाब सडक़ हादसे और ट्रैफिक़ की सालाना रिपोर्ट-2022 लॉन्च करते हुए डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि अपनी किस्म की पहली सडक़ सुरक्षा फोर्स ( एसएसएफ), जो कि सडक़ सुरक्षा और समाज विरोधी तत्वों पर नकेल कसने वाली विशेष पुलिस टीम है, की शुरुआत से इस गिरावट के रुझान में और अधिक तेज़ी आने की संभावना है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दिमाग़ की उपज-एसएसएफ जल्दी ही लोगों की सेवा में उपस्थित होगी, जिससे न केवल दुर्घटनाओं में कमी लाकर कीमती जानें बचाने में मदद मिलेगी, बल्कि राज्य में यातायात को भी सुचारू बनाया जा सकेगा।
डीजीपी ने पंजाब पुलिस, पंजाब रोड सेफ्टी एंड ट्रैफिक़ रिसर्च सैंटर की टीमों द्वारा सख़्त मेहनत की सराहना करते हुए लोगों से अपील की कि वह पंजाब की सडक़ों को सुरक्षित बनाने के लिए सडक़ सुरक्षा नियमों की पालना करें।
और अधिक जानकारी देते हुए एडीजीपी ट्रैफिक़ ए.एस राय ने बताया कि पंजाब सडक़ हादसे और ट्रैफिक़ की सालाना रिपोर्ट-2022, पंजाब पुलिस और पंजाब रोड सेफ्टी एंड ट्रैफिक़ रिसर्च सैंटर द्वारा की गई पहल है। इस रिपोर्ट में पंजाब में सडक़ हादसों, ट्रैफिक़ उल्लंघनाओं और सडक़ सुरक्षा उपायों का गहराई से विश्लेषण किया गया है।
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि यह रिपोर्ट ट्रैफिक़ और कानून लागू करने वाले कर्मचारियों के लिए राज्य में ट्रैफिक़ से सम्बन्धित मुद्दों को समझने और हल करने के लिए मददगार साबित होगी। इसके अलावा यह रिपोर्ट रोड सेफ्टी के क्षेत्र में काम कर रहे विद्वानों और अकादमियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण सामग्री का काम देगी।
पंजाब रोड सेफ्टी एंड ट्रैफिक़ रिसर्च सैंटर के डायरैक्टर डॉ. नवदीप असीजा ने रिपोर्ट के मुख्य लाभों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि साल 2022 में 7.44 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर के हिसाब से पंजाब में कुल 5 55,429 मोटर वाहन रजिस्टर्ड किए गए थे। उन्होंने कहा कि अगस्त 2023 तक पंजाब में कुल रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या 1.33 करोड़ ( 1,32,87,350) थी।
उन्होंने कहा कि पिछले साल 2021 के मुकाबले फरवरी, जुलाई, सितम्बर, अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों में कमी देखी गई है, जब कि बाकी अन्य सभी महीनों में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों में वृद्धि देखने को मिली है। उन्होंने कहा कि पंजाब में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों का मुख्य कारण तेज़ रफ़्तार से वाहन चलाना और आवारा पशु रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि साल 2022 में तेज़ रफ़्तार से वाहन चलाने के कारण कुल 2085 लोग सडक़ हादसों में मारे गए और 421 मौतें आवारा पशुओं के कारण हुईं।
बताने योग्य है कि साल 2022 में सडक़ हादसों में हुई सबसे अधिक मौतें, जो राज्य में सडक़ हादसों में हुई कुल मौतों का 26 फीसदी बनती हैं, शाम 6 बजे से रात 9 बजे के दरमियान दर्ज की गई हैं, जब कि सडक़ हादसों में हुई मौतों में कम से कम 75 प्रतिशत मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में दर्ज की गई हैं। सामाजिक-आर्थिक लागत विश्लेषण के अनुसार पंजाब में साल 2022 में सडक़ हादसों में 21,517 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।