Monday, November 18, 2024
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गजा पट्टी के लोगों के समर्थन में क्या है संयुक्त राष्ट्र में पास होने वाला प्रस्ताव, जिसका अमेरिका और रूस ने नहीं किया समर्थन

गजा के लोगों के समर्थन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पास किया गया है, जिसके पक्ष में 15 में से 13 वोट मिले हैं तो वहीं अमेरिका और रूस ने इसके समर्थन में वोट नहीं दिया है.

इजरायल और हमास के बीच 7 अक्टूबर से युद्ध जारी है. इसी दिन इजरायल के 1200 से अधिक लोग मारे गए थे तो वहीं इजरायल की जवाबी कार्रवाई में अबतक 20 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी अपनी जान गवा चुके हैं और कई घायल हैं. हमास के नियंत्रण में गजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो इस संघर्ष में हर दिन कम से कम 300 लोगों की मौत हुई है. राहत मिली तो सिर्फ सात दिन के युद्धविराम के दौरान.

अब गजा में रह रहे फिलिस्तिनी नागरिकों के मानवीय पहलुओं को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पास हुआ है. शुक्रवार की रात को पास किए गए इस प्रस्ताव में हमास और इजरायल के बीच चल रहे संघर्ष के बारे में कुछ नहीं कहा गया है. क्योंकि इससे पहले पारित हुए प्रस्ताव में अमेरिका ने वीटो कर दिया था इसलिए इस प्रस्ताव को लेकर कई दिनों तक अमेरिका से बातचीत जारी रही जिसके बाद ही इस प्रस्ताव को पेश किया गया है. हालांकि अमेरिका और रूस ने वोटिंग के दौरान इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया.

प्रस्ताव के पक्ष में कितने देशों ने किया वोट
इस प्रस्ताव से पहले 15 नवंबर को भी एक प्रस्ताव पेश किया गया था जिसमें 15 में से 12 लोगों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया था तो वहीं रूस, यूके और अमेरिका ने वोट नहीं किया था, जिसके चलते वीटो हो गया था. वहीं जब शुक्रवार को फिर ये प्रस्ताव पेश किया गया तो इसके पक्ष में 13 देशों ने वोट किया और रूस और अमेरिका ने फिर इस वोटिंग से दूरी बनाए रखी. हालांकि इस बार ये प्रस्ताव पास कर दिया गया है.

काउंसिल में अमेरिकी प्रतिनिधि लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून सिर्फ इजराइल पर लागू नहीं होते बल्कि हमास नाम के आतंकी समूह पर भी लागू होते हैं, जिसने इस संघर्ष को भड़काया है और घरों, अस्पतालों और संयुक्त राष्ट्र के ठिकानों से हमले कर रहा है. 

इसके अलावा सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य रूस ने वोटिंग से कुछ देर पहले तुरंत युद्धविराम की अपील करने वाले पहले के मसौदे में एक संशोधन पेश किया. जिसमें गजा पट्टी को साफ करने के लिए इजराइल को आगे बढ़ने की आजादी दी गई थी. लेकिन रूस का संशोधन पास नहीं हो सका.

इसके बाद वोटिंग हुई, जिसमें सुरक्षा परिषद के 13 सदस्यों ने इसके प्रस्ताव का पक्ष लेते हुए वोट किया तो वहीं 2 सदस्यों ने इससे किनारा किया. इसके पहले युद्धविराम पर वोटिंग हुई थी जिसे ब्राजील द्वारा पेश किया गया था. इसके पक्ष में 15 सदस्यों ने वोट दिया था. हालांकि अमेरिका ने इस प्रस्ताव के भी विरोध में वोट करके इसका समर्थन नहीं दिया था.

क्या है संयुक्त राष्ट में पास हुआ प्रस्ताव?
संयुक्त राष्ट्र में पास हुए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि गजा पट्टी पर मावीय कॉरिडोर का निर्माण किया जाए और मानवीर आधार पर ही युद्धबंदी भी की जाए. इसका मकसद ये होगा कि फिलिस्तीनी लोगों को तुरंत और बिना किसी बाधा के सुरक्षित तरीके मानवीय मदद पहुंचाई जा सके.

इसके अलावा इस प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि दोनों पक्षों के बीच दुश्मनी और इस युद्ध को खत्म करने के लिए स्थायी समाधान की तलाश की जाए. इस काम की निगरानी के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एक वरिष्ठ मानवीय और पुननिर्माण के लिए संयोजक की नियुक्ति करेंगे. उस संयोजक का काम दोनों पक्षों से बात करके गजा में तुरंत राहत पहुंचाना सुनिश्चित करना होगा. साथ ही 20 दिनों में उन्हें काउंसिल के सामने अपनी रिपोर्ट भी देनी होगी. जिसके बाद 30 सितंबर 2024 तक हर 90 दिनों में उन्हें इस राहत कार्य की रिपोर्ट सौंपनी होगी. 

इस प्रस्ताव के पास होने के बाद इजरायल डिफेंस फोर्सेस के प्रवक्ता डेनियल हगारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रस्ताव में ये भी शामिल होना चाहिए कि हमास के कब्जे में जितने बंधक हैं उन्हें तुरंत बिना किसी शर्त के आजाद कर दिया जाए. साथ ही उनकी मेडिकल जरूरतों को देखते हुए उन तक मेडिकल सुविधाओं की परमिशन भी दी जाए. उनका कहना है कि हम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से गुजारिश करेंगे कि वो ये सुनिश्चित करें कि इस प्रस्ताव का पालन किया जाए.

वहीं हमास ने इस प्रस्ताव के पास होने की आलोचना करते हुए कहा कि ये गजा के लोगों की मानवीय मदद  के लिए काफी होगा. हमास ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वो इस प्रस्ताव की भावना को कमजोर करने की पूरी कोशिश में है. इस दौरान मिस्त्र और कतर के द्वारा भी हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने की कोशिशें हो रही थीं.

वहीं हमास ने इस प्रस्ताव के पास होने की आलोचना करते हुए कहा कि ये गजा के लोगों की मानवीय मदद  के लिए काफी होगा. हमास ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वो इस प्रस्ताव की भावना को कमजोर करने की पूरी कोशिश में है. इस दौरान मिस्त्र और कतर के द्वारा भी हमास और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने की कोशिशें हो रही थीं.

इन दोनों देशों की कोशिश से चार दिन का अस्थायी युद्धविराम भी हुआ था, जो बाद में कुछ और दिनों के लिए बढ़ाया भी गया था. लेकिन बाद में इजरायल ने ये कहते हुए गजा पर फिर हमले करना शुरू कर दिए कि हमास द्वारा युद्धविराम के नियमों का उल्लंघन किया है. वहीं गुरुवार को हमास द्वारा ये भी साफ कर दिया गया कि जब तक इजरायल युद्धविराम नहीं करता है तब तक वो बंधकों को नहीं छोड़ेगा.

वहीं इजरायल युद्धविराम करने को तैयार नहीं है उसका कहना है कि जब तक वो हमास को पूरी तरह खत्म नहीं करेगा तब तक वो इस युद्ध को खत्म नहीं करेगा. 

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