Saturday, November 9, 2024
spot_img

Latest Posts

Ram Mandir: बढ़ती ठंड के बीच रामलला को ओढ़ाई गई रजाई, गर्म हवा के लिए लगा ब्लोअर

Ram Mandir News: अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है. इसलिए सर्दी हो या गर्मी, उनकी उसी तरह सेवा होती है जैसे किसी बालक की जाती है.

Ram Mandir Inauguration: ठंड के बदलते मिजाज को देखते हुए अयोध्या के राम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला को अब शयन आरती के बाद रात्रि में रजाई ओढ़ाई जा रही है. इसी के साथ सर्दी से बचाव और मंदिर के वातावरण को गर्म रखने के लिए ब्लोअर भी लगा दिया गया है. यही नहीं उन्हें रबड़ी और पेड़ा पूड़ी सब्जी का भोग भी लगाया जा रहा है. पहले 3 किलो पेड़ा का भोग लगता था, लेकिन अब भीड़ को देखते हुए 5 किलो पेड़ा का भोग लगता है और दोपहर में खीर का भोग लगता है.

ये भोग लगा हुआ प्रसाद जो आरती में सम्मिलित होने के लिए श्रद्धालु आते हैं उनमें वितरित किया जाता है. सर्दी का मौसम है और तापमान भी अब लगातार नीचे गिर रहा है. वातावरण में ठंडक भी बढ़ रही है जिसको देखते हुए बाल रूपी रामलला की देखरेख बढ़ाते हुए ये कदम उठाया गया है. सनातन धर्म में मान्यता है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति को भी उसी तरह का अनुभव होता है जैसे मानवी शरीर को होता है क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति में साक्षात आराध्य का वास हो जाता है. 

स्नान कराने के साथ बदलते हैं वस्त्र 

इसी तरह उनको स्नान कराया जाता है, वस्त्र बदले जाते हैं, भोग लगाया जाता है, उनका श्रृंगार होता है. भोर में आरती के साथ जगाया जाता है तो रात्रि में शयन आरती के साथ सुलाया जाता है बिल्कुल किसी जीवित इंसान की तरह. इसीलिए ठंड में बदलते तापमान को देखते हुए रामलला के बालस्वरुप की पूजा आराधना और व्यवस्था की जाती है. मंदिर के संतोष पुजारी ने कहा कि प्रभु बाल रूप में हैं. ठंड से बचाने के लिए अभी तक हल्का चद्दर उड़ाया जा रहा था और उसके बाद कंबल की व्यवस्था हुई. अब रजाई का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

गर्मी में रहती है एसी की व्यवस्था

उन्होंने बताया कि रजाई में रामलला को शयन कराया जाता है. अगर आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ती है तो हीटर लगाए जाएंगे और गर्मी में एसी की व्यवस्था है. बाल रूप को देखते हुए सारी अच्छी व्यवस्थाएं की गई हैं. ट्रस्ट के द्वारा संख्या को देखते हुए अब 5 किलो पेड़ा आने लगा है और राबड़ी का भोग लगता है. आरती में जितने भी लोग शामिल होते हैं उन सभी को रबड़ी का प्रसाद सुबह में दिया जाता है. 

श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ी

उन्होंने बताया कि खीर का जब दोपहर में भोग लगता है जैसी संख्या रहती है 100 से लेकर 150 तक की, सभी को खीर वितरित किया जाता है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ गई है. पहले ठंडी के मौसम में हम लोग बैठे रहते थे. एक-दो लोग आते थे, लेकिन इस समय जो स्थिति है, दो-दो लाइन चलती हैं. भीड़ दोगुना नहीं कई गुना बढ़ गई है. 

Latest Posts

spot_imgspot_img

Don't Miss

Stay in touch

To be updated with all the latest news, offers and special announcements.