Dunki Movie Review: शाहरुख खान की डंकी रिलीज हो गई है. फिल्म को राजकुमार हिरानी ने डायरेक्ट किया है. इसमें तापसी पन्नू और विक्की कौशल जैसे स्टार्स भी हैं. आइए जानते हैं कैसी है फिल्म.
Dunki Movie Review: पिक्चर अभी बाकी है मेरे दोस्त… डंकी (Dunki) का ट्रेलर देखा था तो सोचा नहीं था फिल्म इतनी शानदार होगी. लेकिन शाहरुख खान ने अपना ही डायलॉग सही साबित कर दिया…राज कुमार हिरानी क्यों राज कुमार हिरानी हैं ये बात एक बार फिर साबित हो गई है. ये फिल्म हिरानी की फिल्म है और इसे हिरानी की फिल्म शाहरुख ने बनने दिया, यही इसकी सबसे खास बात है
क्या है फिल्म की कहानी?
पंजाब के एक गांव में रहने वाले कुछ दोस्त लंदन जाना चाहते हैं. उन्हें लगता है वहां जाकर उनकी गरीबी खत्म हो जाएगी. एक को अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड को लेने जाना है, जिसका पति उसे मारता है. ये IELTS के पेपर की तैयारी करते हैं, लेकिन अंग्रेजी नहीं सीख पाते. फिर ये डंकी फ्लाइट यानी गैरकानूनी तरीके से जाते हैं. और फिर क्या होता है. ये देखने थिएटर जाइए.
कैसी है फिल्म?
शुरू से एंड तक फिल्म कमाल है. एक सीन ऐसा नहीं जो आप मिस कर सकें. कहीं भी फिल्म बोर नहीं करती. एक अच्छे फ्लो से चलती है और आपको हंसाती है. रुलाती है. चौंकाती है. शाहरुख पूरी फिल्म में नहीं छाए हुए. सही पढ़ा आपने. बाकी किरदारों को बराबर मौका मिला है और इसकी वजह से फिल्म और शानदार हो जाती है. एक-एक किरदार से आप जुड़ जाते हैं. पूरी तरह से साफ-सुथरी फिल्म है. पूरी फैमिली के साथ आराम से देख सकते हैं.
एक्टिंग
शाहरुख खान ने कमाल काम किया है. बाकी के किरदारों को भी उभरने का पूरा मौका दिया है. यहां एक यंग शाहरुख दिखते हैं और एक बूढ़े. मेकअप थोड़ा सा बेहतर हो सकता था लेकिन फिल्म के फ्लो के साथ ये मायने नहीं रखता. तापसी पन्नू ने शानदार काम किया है. शाहरुख के साथ वो काफी अच्छी लगी हैं. बुढ़ापे वाले किरदार में भी वो जमी हैं.
विक्की कौशल ने दिखा दिया कि वो छोटे से किरदार से भी बड़ा असर छोड़ जाते हैं. वो आपको हंसा भी जाते हैं और रुला भी. विक्रम कोचर शानदार हैं. वो फिल्म में अलग से निकलकर सामने आते हैं और दिल जीत लेते हैं. अनिल ग्रोवर ने भी कमाल की एक्टिंग की है. बोमन ईरानी और हिरानी की जोड़ी तो सालों से बनी हुई है और यहां भी बोमन कमाल का काम कर गए हैं.
डायरेक्शन
ये हिरानी की फिल्म है. शाहरुख खान हिरानी पर हावी नहीं हो पाए और यही वजह है ये फिल्म शानदार बनी है. उनका कहानी कहने का तरीका काफी इमोशनल है और आप उससे जुड़ जाते हैं. ये उनकी बेस्ट फिल्मों में गिनी जाएगी.
म्यूजिक
प्रीतम का म्यूजिक दिल को छू लेता है. निकले थे कभी हम घर से गाना जब जब आता है. आखें नम हो जाती हैं. अमन पंत का बैकग्राउंड स्कोर बहुत अच्छा है.
मुकेश छाबड़ा की कास्टिंग कमाल है, और ये बहुत बड़ी वजह है इस फिल्म के इतना कमाल का बनने की. ऐसे एक्टर जो शाहरुख के आगे न सिर्फ टिके बल्कि कमाल कर गए. ऐसे एक्टर ढूंढना अपने आप में कमाल है. कुल मिलाकर ये साल की सबसे बेहतरीन है.