नई दिल्ली. पिछले कुछ दिनों से इंडिया और आसपास के देशों में जल्दी जल्दी धरती कांप रही है. सोमवार देर रात चीन में 6.2 तीव्रता का भूकंप आया. इसमें काफी जान-माल का नुकसान भी हुआ. इसके साथ ही, इंडिया और पाकिस्तान में भूंकप के झटके महसूस किए गए. जल्दी-जल्दी भूकंप आने के कारण क्या है और कौन कौन देशों में आने की अधिक संभावना है.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के जियोलॉजी विभाग के रिटायर प्रो. डीएम बनर्जी बताते हैं कि मौजूदा समय धरती के अंदर मौजूद टैक्टोनिक प्लेटों के एक्टिव होने से बार-बार धरती कांप रही है. नीचे तरल पदार्थ लावा है और इस पर टैक्टोनिक प्लेट्स तैरती रहती हैं. कई बार ये प्लेट्स आपस में टकरा जाती हैं. बार-बार टकराने से ज्यादा दबाव पड़ने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं. ऐसे में नीचे से निकली ऊर्जा बाहर की ओर निकलने का रास्ता खोजती है. इससे भूकंप आता है.
दक्षिण की प्लेटों के दायरे में चीन, आस्ट्रेलिया, इंडिया, अफगानिस्तान, म्यांमार, पाकिस्तान, बंगलादेश आते हैं. यहां भूकंप आने की अधिक संभावना है. टैक्टोनिक प्लेट एडजस्ट हो रही हैं. इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि तराजू में अगर एक पलड़ा हल्का होगा तो दूसरी ओर उठेगा. इसी तरह धरती के नीचे चल रहा है. खास बात यह है कि हिमालय भी इसी क्षेत्र में आता है और इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हिमालय अनस्टेबल पहाड़ है, इससे दूर रहना चाहिए, किसी तरह का छेड़छाड़ नहीं करना चाहिए, यहां पर किसी भी तरह का निर्माण नुकसान पहुंचा सकता है.
ऐसे नापी जाती है भूकंप की तीव्रता?
भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है. भूकंप की तरंगों की तीव्रता मापने का एक गणितीय पैमाना होता है, इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है.