Congress on Rajasthan Elections: राजस्थान में कांग्रेस के प्रदर्शन ने पार्टी नेताओं को चिंतित करके रख दिया है. इस प्रदर्शन के बाद पार्टी हार की वजहों को पता लगाने में जुट गई है.
Rajasthan Election Results: राजस्थान समेत हिंदी हार्टलैंड में कांग्रेस का जिस तरह का प्रदर्शन रहा है, उसने पार्टी को टेंशन में डाल दिया है. अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में अगर इस तरह के हालात बने रहते हैं, तो उसके लिए दिल्ली की सत्ता तक पहुंचाना बेहद ही मुश्किल होने वाला है. यही वजह है कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मिली हार के बाद अब पार्टी के भीतर शिकस्त की वजहों को तलाशने के लिए मंथन चल रहा है.
दरअसल, राजस्थान में मिली हार के बाद पार्टी नेताओं ने बैठक की है. इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हुए. राहुल का कहना है कि राजस्थान में हार की प्रमुख वजह लोगों से ठीक ढंग से संवाद नहीं करना रहा है. इस दौरान अशोक गहलोत ने तर्क दिया कि राज्य में धार्मिक ध्रुवीकरण हुआ. बीजेपी लोगों के बीच ध्रुवीकरण करने में कामयाब रही, जिसकी वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा.
ध्रुवीकरण की बात को राहुल ने नकारा
राजस्थान चुनाव में मिली हार के बाद हुई समीक्षा बैठक में राहुल ध्रुवीकरण वाली बात से सहमत होते हुए नजर नहीं आए. उनका कहना है कि अगर सच में बीजेपी ने ध्रुवीकरण किया है और इसकी वजह से उसे जीत मिली है, तो फिर कांग्रेस के वोट शेयर पर भी इसका प्रभाव दिखना चाहिए था. राहुल ने कहा कि बीजेपी अगर ध्रुवीकरण में सफल होती, तो कांग्रेस लगभग 40 फीसदी का अपना वोट शेयर बरकरार नहीं रख पाती. उन्होंने कहा कि बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार-जीत का ज्यादा अंतर नहीं रहा.
योजनाओं को लोगों तक सही ढंग से नहीं पहुंचाया गया: राहुल
बैठक के दौरान अशोक गहलोत ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांप्रदायिक राग अलापा. उन्होंने पीएम पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने राज्य सराकर के रिकॉर्ड को चुनौती देकर चुनाव नहीं लड़ा. राहुल ने गहलोत की इस बात से इत्तेफाक जताया कि राज्य में जिन कल्याणकारी योजनाओं को चलाया जा रहा था, वो अत्याधुनिक थीं.
हालांकि, राहुल गांधी ने यहां पर ये भी कहा कि इन योजनाओं को ठीक ढंग से लोगों तक नहीं पहुंचाया गया. कर्नाटक का उदाहरण देते हुए राहुल ने कहा कि दक्षिणी राज्य में योजनाओं को लोगों तक पहुंचाया गया और पार्टी को जीत मिली. राहुल का कहना रहा कि योजनाओं की जानकारी लोगों तक सिर्फ रैलियों के जरिए पहुंचाई गईं. उन्होंने नौकरशाही के सरकार पर हावी होने की बात भी कही.