नई दिल्ली. बीजेपी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने कहा कि कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में ‘पूरी तरह से भ्रष्ट’ सरकार चलाई. जिस तरह से उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में विधायकों और लोगों से ‘चलो, चलो’ कहा क्योंकि उनके पास समय नहीं था. तो लोगों ने भी उन्हें सीएम की कुर्सी से ‘चलो चलो’ कहा. अपने चुनाव अभियान के दौरान एक इंटरव्यू में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने News18 से यह भी कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी का कोई लालच नहीं है. उन्होंने राज्य को बदलने का श्रेय सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) को दिया. सिंधिया ने News18 से कहा कि ‘आज हम मध्य प्रदेश में जहां हैं, उसका 80 या 90 प्रतिशत कारण चौहान हैं. उन्होंने राज्य को बदल दिया है.’
सिंधिया ने उन सुझावों को भी खारिज कर दिया कि शिवराज सिंह चौहान को दरकिनार कर दिया गया है. सिंधिया ने कहा कि ‘आपको शिवराज सिंह चौहान कहां नहीं दिखते? वह प्रतिदिन कई रैलियों के साथ सबसे कठिन प्रचार कर रहे हैं. यह भाजपा की एक समग्र टीम है, जो चुनाव लड़ रही है.’ राज्यसभा सांसद सिंधिया संसद में अपने सात अन्य भाजपा सहयोगियों के विपरीत विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. 2018 के चुनावों में कांग्रेस के लिए इनमें से 26 सीटें जीतने के बाद अपने गढ़ ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 34 सीटें जीतने की कठिन जिम्मेदारी सिंधिया के कंधों पर है. बाद में अपने वफादार विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सिंधिया ने कमलनाथ सरकार गिरा दी. सिंधिया ने 2020 में नाथ सरकार को गिराने के कारण के बारे में कहा कि ‘जो कोई जानबूझकर और साफ तौर से ली गई प्रतिज्ञाओं का उल्लंघन करता है और वादा-खिलाफी करता है, वह मेरे लिए अस्वीकार्य है.’
आपने आरोप लगाया कि कमल नाथ ने आपसे फर्जी कर्जमाफी प्रमाणपत्र बंटवाए और आप कांग्रेस के लिए ‘काला कौआ’ साबित हुए?
नाथ ने किसका कर्ज माफ किया? मैं अपनी सार्वजनिक बैठकों में पूछता हूं कि किसका कृषि कर्ज माफ हुआ…कोई हां नहीं कहता. फर्जी सर्टिफिकेट बांटने से कर्ज माफ नहीं होता. जब तक आप सहकारी बैंकों में किसान की राशि का भुगतान नहीं करेंगे तो कैसे काम होगा? आपने प्रमाण पत्र तो बांट दिये लेकिन कर्ज माफ नहीं हुआ. अंततः मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने कर्ज माफ कर दिया. उन्होंने सहकारी बैंकों में सीधे उनके कर्ज खातों में पैसा देकर 12 लाख किसानों के 2,500 करोड़ रुपये माफ कर दिए.
आपकी पार्टी कमल नाथ को ‘भ्रष्टाचार नाथ’ कह रही है…
कमल नाथ पूरी तरह से भ्रष्ट सरकार चलाते हैं. यह 3सी की सरकार थी- कट, कमीशन और करप्शन. सीएम के रूप में कमलनाथ हमेशा सांसदों और मंत्रियों और यहां तक कि जनता से ‘चलो चलो’ कहते थे. कहते थे कि उनके पास समय नहीं है- तो जनता ने भी उनको कह दिया, चलो चलो.
कमलनाथ कहते हैं ‘क्या कसूर था मेरा कि मेरी सरकार गिर गई’…
मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैंने सही काम किया या नहीं, लेकिन मेरे बयानों पर जनता की प्रतिक्रिया देखिये. जो कोई जानबूझकर और साफ तौर से अपने द्वारा ली गई प्रतिज्ञाओं का उल्लंघन करता है और वादा-खिलाफी करता है, वह मेरे लिए अस्वीकार्य है. 2003 तक दिग्विजय सिंह के शासन में मध्य प्रदेश में कोई विकास नहीं हुआ. 2018 में कमलनाथ ने जो किया वह बीमारू मध्य प्रदेश से बेहाल मध्य प्रदेश की यात्रा पर रोक लगाने का था.
आप विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन क्या ऐसा होगा कि आप सीधे सीएम बन जाएंगे?
मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं. मुझे सीएम की कुर्सी का कोई लालच नहीं है. मेरे परिवार को कभी कुर्सी का लालच नहीं रहा. मेरे पिता को भी कभी इसका कोई लालच नहीं था और मेरी दादी को भी कभी ऐसा कोई लालच नहीं था. ये सिंधिया परिवार का इतिहास है. 2018 में मैं एक सेकंड में मान गया था कि कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए. अगर मुझे कोई लालच होता तो क्या मैं ऐसा कहता? मुझे लोगों के विकास और प्रगति का लालच और महत्वाकांक्षा है. मैं किसी कुर्सी की दौड़ में नहीं हूं.
शिवराज सिंह चौहान आपके सीएम हैं लेकिन इस चुनाव में किनारे लग रहे हैं…
आपको कहां नहीं दिखते शिवराज सिंह चौहान? वह सबसे कठिन प्रचार कर रहे हैं. यह बीजेपी की एक समग्र टीम है जो चुनाव लड़ रही है. मैं कहूंगा कि आज हम मध्य प्रदेश में जहां हैं, उसका 80 फीसदी या 90 फीसदी हिस्सा शिवराज सिंह चौहान के कारण है. उन्होंने राज्य को बदल दिया है.
बीजेपी ने आधा दर्जन से ज्यादा सांसदों को चुनाव में उतारा था. क्या यह हताशा नहीं है?
आपको इसके पीछे की रणनीति को समझना होगा. एमपी में बीजेपी और कांग्रेस दोनों की अपनी मजबूत सीटें हैं. हमें अपनी मजबूत सीटें बचानी हैं और कांग्रेस की मजबूत सीटों पर बहुत मजबूत उम्मीदवार खड़ा करना है. हमने अपने सांसदों को उन सीटों पर लड़ाई में उतारा है, जिन पर हम लंबे समय से जीत नहीं पाए हैं और कांग्रेस का गढ़ हैं. इसलिए कांग्रेस की मजबूत सीटें अब उनकी मजबूत सीटें नहीं हैं जबकि हम अपने गढ़ों की रक्षा करना जारी रखेंगे.
क्या ‘मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना’ इन चुनावों में आपकी पार्टी के लिए बड़ा गेम-चेंजर है क्योंकि पैसा महिलाओं तक पहुंच गया है?
यह बिल्कुल है. इसके अलावा पिछले तीन साल में बीजेपी का ट्रैक रिकॉर्ड अपने आप में गेम-चेंजर है. आपने इस तरह का विकास कभी नहीं देखा है- ग्वालियर-चंबल या मालवा को देखें. नर्मदा नदी के पानी को हमारे गांवों और छोटे शहरों और पूरे मालवा तक ले जाना… नए बांध बनाए जा रहे हैं, नई रेलवे लाइनें, ग्वालियर में नया हवाई अड्डा बनाया जा रहा है. यह कई मोर्चों पर गेम-चेंजर है. सामाजिक, स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढाँचा- सभी क्षेत्रों में, हमारे पास गेम-चेंजर है. बिजली, सड़कें, सिंचाई- 2003 के बाद से यहां आए कई स्तर के बदलावों को देखें. यह लोगों के सामने भाजपा का रिकॉर्ड है.
आप कमल नाथ-दिग्विजय सिंह जोड़ी के बहुत आलोचक हैं…
मप्र की जनता से पूछें. 2003 में वापस जाएं, मध्य प्रदेश की सड़कों, बिजली या सिंचाई की स्थिति क्या थी? तुम्हें पता ही नहीं चलता कि सड़क कहां खत्म हुईं और गड्ढे शुरू हो गए. 2003 तक वहां कोई बिजली नहीं थी- केवल 5,000 मेगावॉट थी. कांग्रेस ने कोई नई सिंचाई सुविधा नहीं दी थी. आज मप्र में 49 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचित है.