Thursday, November 7, 2024
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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाएंगे PM मोदी, बोले- ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनना मेरा सौभाग्य

अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा. इस अवसर पर पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है. अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे. उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है.

अयोध्या में बन रहे भव्य श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा. इस अवसर पर पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे. प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम दोपहर 12:30 बजे होगा. रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के सदस्यों ने आज पीएम मोदी से मुलाक़ात कर उन्हें कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण दिया था, जिसे पीएम मोदी स्वीकार किया है. वहीं पीएम मोदी कहा कि आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है. अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे. उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है. जय सियाराम.

PM मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होंगे (फाइल फोटो)

हाल ही में पीएम मोदी ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का भी जिक्र करते हुए कहा था कि सदियों का इंतजार खत्म हो रहा है. राम मंदिर का निर्माण हमारी जीत जैसा है. भगवान राम आने ही वाले हैं.

कुछ समय पहले राम मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास जी महाराज ने कहा था 15 जनवरी से 24 जनवरी को अनुष्ठान होगा. हमारी ओर से पीएमओ को पत्र लिखा गया और इस पर जवाब भी आ गया है. अब यह तय हो चुका है कि 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या आएंगे, प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को ही होगी. इस कार्यक्रम के लिए और भी लोगों को बुलाया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के फैसले में अयोध्या में विवादित जगह पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था. इसके अलावा अदालत ने केंद्र सरकार को नई मस्जिद के निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को वैकल्पिक पांच एकड़ का जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया था. अदालत ने फैसला सुनाया था कि विवादित भूमि की 2.77 एकड़ जमीन जहां 16वीं सदी की ध्वस्त बाबरी मस्जिद थी, वह केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी और फैसले के तीन महीने के भीतर मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी.

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