Assembly Election: भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार अभिनेता राजकुमार राव को अपना नेशनल आइकन बनाने का फैसला किया है. आयोग गुरुवार (26 अक्टूबर) को राजकुमार राव को आइकन नियुक्त करेगा.
भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार अभिनेता राजकुमार राव को अपना नेशनल आइकन बनाने का फैसला किया है. आयोग गुरुवार (26 अक्टूबर) को राजकुमार राव को आइकन नियुक्त करेगा. नेशनल आइकन वोटिंग को लेकर लोगों को जागरूक करते हैं. उनकी कोशिश वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने की होती है.
अभिनेता राजकुमार राव वैसे तो कई फिल्मों में काम कर चुके हैं और उनकी कई फिल्में हिट हुई हैं, लेकिन ‘न्यूटन’ एक ऐसी फिल्म है जिसने उन्हें अलग पहचान दिलाई. 2017 में आई इस फिल्म के लिए राजकुमार राव को बेस्ट एक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था. इस फिल्म में राजकुमार राव नूतन कुमार नाम के एक सरकारी क्लर्क की भूमिका में नजर आए थे. नूतन कुमार ऐसा क्लर्क था जो निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध था. चुनाव आयोग उनके इस किरदार को भुनाते हुए लोगों में वोटिंग के लिए जज्बा जगाना चाहता है.
सचिन तेंदुलकर को अगस्त में बनाया था आइकन
बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने इसी साल अगस्त में पूर्व भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को अपना नेशनल आइकन बनाया था. दरअसल, अगले साल भारत में लोकसभा के चुनाव होने हैं. चुनाव आयोग ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान में भागीदार बनाना चाहता है. उसका फोकस सबसे ज्यादा युवाओं पर है, इसलिए उसने पहले सचिन और फिर राजकुमार राव जैसी हस्तियों के इसके लिए चुना है.
क्या काम करता है नेशनल आइकन?
जब चुनाव आयोग किसी को अपना नेशनल आइकन बनाता है तो फिर उस सेलिब्रिटी को चुनाव आयोग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर साइन करना होता है. यह ज्ञापन अगले 3 सालों के लिए होता है. इसके बाद वह सेलिब्रिटी विज्ञापन के जरिये, अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये या अन्य कार्यक्रमों के जरिये लोगों को मतदान के प्रति जागरूक करता है. इससे पहले भी चुनाव आयोग कई खिलाड़ियों और अभिनेताओं को अपना नेशनल आइकन बना चुका है.