राजस्थान के 8 लाख कर्मचारियों का भरोसा जीतकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर चुनावी रणनीति पार करने की तैयारी में हैं. सीएम गहलोत ने शुक्रवार सचिवालय कर्मचारी संघ के शपथ ग्रहण समारेाह में अपनी सरकार की ओर से कर्मचारियों के हितों के लिए उठाए गए एक-एक फैसले की जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘आपकी हर मांग को पूरा करने की कोशिश करता हूं. आप मांगते-मांगते थक जाओगे, मैं देते-देते नहीं थकूंगा.’ उन्होंने कर्मचारियेां को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार फिर आ रही है. जनता की धारणा बदल रही है. लोगों में ये चर्चा है कि सरकार आ सकती है, पर मैं कहता हूं कि सरकार आएगी.
मुख्यमंत्री ने एक-एक कर्मचारियों की मांगों पर लिए गए फैसलों के जरिए उनको पार्टी से और करीब लाने की कोशिश की, सीएम गहलोत बोले कि हमने राजस्थान के कर्मचारियों के लिए ओपीएस लागू किया, जिसकी देशभर में आज चर्चा है. केंद्र सरकार इसे लेकर कुछ भी दिलचस्पी नहीं दिखा रही, जबकि कई राज्य इसे लागू करने की तैयारी करते दिख रहे हैं. सीजीएचएस की ही तरह राज्य के कर्मचारियों के लिए आरजीएचएस योजना लागू की. कर्मचारी और उनके परिवारजनों को अब कहीं पर भी इलाज कराने की सुविधा मिल गई है, तमाम दिक्कते दूर कर दी गई हैं.
बोले कि राज्य के कर्मचारियों के लिए पहली बार एडवांस सैलेरी की स्कीम शुरू की है. कई कर्मचारी एडवांस सैलेरी का लाभ लेने लगे हैं. प्रमोशन के लिए साल में दो बार DPC की प्रक्रिया शुरू की है. संविदा कर्मियों के लिए नियम कायदे बनाए गये हैं. 11 हजार मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी है. कोरोना में 330 सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को 50-50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गई. ठेकाकर्मियों के लिए सरकारी कंपनी बनाई गई ताकि ठेकेदार उनका शोषण न कर सके और उनको पूरी पारिश्रमिक मिले. प्रमोशन में 10- 20-30 के बजाय 9-18-27 साल की सर्विस करने वाले सभी कर्मचारियों को अब प्रमोशन दिया जा रहा है.