सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने पंजाब सरकार के अलग-अलग विभागों के अधिकारियों और पंजाब राज्य के डिप्टी कमिश्नरों को हिदायत की है कि सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग द्वारा बीते दिनों में कुल 17 जिनमें से 16 जाली अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट और एक पिछड़ी श्रेणी सर्टिफिकेट रद्द किये जा चुके हैं परंतु अभी तक इन व्यक्तियों के खि़लाफ़ बनती कानूनी कार्रवाई व्यवाहर में नहीं लाई गई।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा राज्य स्तर पर सकरूटनी कमेटी गठित की गई है जिसकी तरफ से अब तक ज़िला पटियाला के अविनाश चंद्र, शिन्दर कौर, राजू, अमरीक सिंह, जगदीश सिंह, अमर कौर, कपूरथला के अरविन्द कुमार, एस. ए. एस नगर के प्रमोद कुमार, जसवीर कौर, फ़िरोज़पुर की गीता, जसविन्दर सिंह, बलविन्दर कुमार, लुधियाना के हरपाल सिंह, जतिन्दर कौर, मुक्तसर साहिब के लेखराज, फाजिल्का के सुखतियार सिंह का अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट और पटियाला की सोनिया मल्होत्रा का पिछड़ी श्रेणी सर्टिफिकेट रद्द कर दिया गया है। इसके इलावा डॉ. अमृत कौर, डॉ. दविन्दर कौर के अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट सम्बन्धी केस कार्रवाई अधीन है। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को जाली अनुसूचित जाति सर्टिफिकेट रद्द और ज़ब्त करने के लिए आदेश दिए गए हैं। इसी तरह ही जाली सर्टिफिकेटों के आधार पर नौकरी प्राप्त करने वालों के विरुद्ध सम्बन्धित विभागों को कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ईमानदारी की नींव पर बनी है और ईमानदारी के आयाम को कायम रखने में विश्वास रखती है। उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार धोखाधड़ी के साथ बनाऐ जाली अनुसूचित जाति सर्टिफिकेटों के विरुद्ध कार्रवाई जारी रहेगी।
मंत्री ने सम्बन्धित डिप्टी कमिश्नरों को विभाग द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अंदर केस मुकम्मल करके रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अनुसूचित जाति के लोगों के हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है