CWC Meeting in Telangana: कांग्रेस अध्यक्ष ने जी20 के आयोजन को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ‘अब सरकार तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी का सपना बेच रही है.’
हैदराबाद में चल रही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने जी20 के आयोजन पर हुए खर्च को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ”रोटेशन के तौर पर मिली G20 की अध्यक्षता के आयोजन में 4 हजार करोड़ रुपये खर्च हुए और अब रोटेशन से इसकी अध्यक्षता ब्राजील को मिल चुकी है.”
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठकों की कामयाबी के बाद सरकार ने जांच एजेंसियों को विपक्षी दलों से बदला लेने के लिए लगा दिया है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि मणिपुर और नूंह की घटना से देश की छवि पर धब्बा लगा है. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने केंद्र सरकार से जाति जनगणना शुरू कराने की मांग की. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश आज कई गंभीर आंतरिक चुनौतियों से जुझ रहा है.
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के केंद्र सरकार पर आरोप
- मणिपुर की दिल दहला देने वाली घटनाओं को पूरी दुनिया ने देखा. वहां 3 मई 2023 से लेकर आज तक हिंसा जारी है. मणिपुर की आग को मोदी सरकार ने हरियाणा में नूंह (NUH) तक पहुंचने दिया. यहां हिंसा की वारदातें हुईं, जिस कारण राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सांप्रदायिक तनाव फैला.
- ऐसी घटनाएं आधुनिक, प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष भारत की छवि पर धब्बा लगाती है. ऐसे हालात में सत्ताधारी दल, सांप्रदायिक संगठन और मीडिया का एक वर्ग, आग में घी डालने का काम करता है.
- इससे देश का ‘सर्वधर्म समभाव’ बिगाड़ता है. हमें मिलकर ऐसी ताकतों की पहचान करके उन्हें बेनकाब करते रहना है.
- केंद्र सरकार डाटा की हेराफेरी कर रही है. 2021 का सेंसस न कराने से 14 करोड़ लोग फूड सिक्योरिटी एक्ट से और करीब 18 फीसदी लोग मनरेगा से बाहर हो गए. मनरेगा की मजदूरी महीनों लंबित रहती है.
जाति जनगणना शुरू करने की मांग की
- कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ”हमारी मांग है कि 2021 सेंसस की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए. उसके साथ ही जातिगत जनगणना भी कराई जाए, ताकि समाज के जरूरतमंद तबके को स्वास्थ्य, शिक्षा, नौकरी और फूड सिक्योरिटी समेत दूसरे हक मिल सकें.
- आजादी के बाद बनी देश की बहुमूल्य PSUs को मोदी सरकार चंद पूंजीपति मित्रों के हवाले कर रही है. उनके फायदे के लिए नीतियां बदली जा रही हैं, उनके हक के कानून बन रहे हैं.
- पिछले दिनों पीएम के करीबी कारोबारी की कंपनियों में 20 हजार करोड़ रुपये का शेल कंपनियों द्वारा निवेश हुआ. इसका पर्दाफाश होने पर भी मोदी सरकार जांच नहीं करा रही है. सारे बड़े घोटालों पर सरकार मौन है, पर्दा डाल रही है.
- जब भी विपक्षी दल इन बुनियादी मसलों को उठाते हैं तो सरकार जवाब देने की जगह नए-नए हथकंडे अपनाते हुए नए आत्मनिर्भर भारत, 5 ट्रिलियन इकोनॉमी, न्यू इंडिया 2022 और अमृतकाल का नारे देती है.
- आजकल सरकार तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी का सपना बेच रही है. इन नारों से देश की तरक्की नहीं होगी.
- हमें जनता को समझाना होगा कि ये विफलताओं को छुपाने वाले नारे हैं. सरकार सोचती है कि इवेंट और विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च कर हिमालय जैसी नाकामियों को वो छिपा लेगी.
- पीएम और बीजेपी नेताओं के हमलों से हमारे ‘इंडिया’ गठबंधन की 3 बैठकों की सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है. हमारा कारवां जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा, इनके हमले तेज होंगे.
- ‘इंडिया’ गठबंधन की मुंबई में हुई बैठक के बाद ईडी, आईटी, सीबीआई को सरकार ने विपक्षी नेताओं से राजनीतिक बदला लेने के लिए लगा दिया है. ये स्वस्थ लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है, लेकिन अफसोस कि यही हकीकत है.